जयपुर से जारी स्टेट बुलेटिन के अनुसार जिले में सोमवार को 10 कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों काफी संख्या में पॉजिटिव केस सैंपल की जांच एक साथ होने के कारण आ रहे थे। लंबे समय से सैंपलों की जांच लंबित चल रही थी। वहीं अभी जिले में 3199 एक्टिव केस हैं। 74 मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया है।
पीएमओ डॉ. बलदेव सिंह ने बताया कि राजकीय चिकित्सालय में 189 मरीज भर्ती है। इनमें से 139 मरीज ऑक्सीजन पर है। मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके अलावा लीला धर्मशाला में एक हिस्से में कोरोना पॉजिटिव बंदियों को रखा जा रहा है और दूसरे हिस्से में कोरोना संदिग्ध बंदियों को रखा गया है। वहीं वैक्सीनेशन का कार्य भी चल रहा है। यहां अस्थायी पुलिस चौकी खुली है।
सात पॉजिटिव व चार कोरोना संदिग्धों की मौत
– राजकीय चिकित्सालय में सोमवार को कोविड जोन में इलाज के दौरान सात कोरोना पॉजिटिव व चार संदिग्ध मरीजों की मौत हो गई।
चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को अस्पताल में इलाज ले रहे सात कोरोना पॉजिटिव व चार कोरोना संदिग्ध मरीजों ने दम तोड़ दिया। पिछले करीब एक सप्ताह से सात-आठ मरीजों की प्रतिदिन मौत हो रही है। जिसमें कोरोना संक्रमितों के साथ ही कोरोना संदिग्ध मरीज भी शामिल है।
बीमारी से डरें नहीं, उसका इलाज कराएं
– राजकीय चिकित्सालय के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. पे्रम अग्रवाल का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत तेज है। ऐसे में लोग बीमारी से डरें नहीं लेकिन समय पर इलाज कराए। लोगों को बीमारी से बचाव के लिए घरों में बंद रहना पड़ेगा।
तभी संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है। बीमार होने पर लोग घबराए नहीं और किसी दूसरे में संक्रमण नहीं फैल जाए। इसका पूरा ध्यान रखें और चिकित्सक से दिखाकर दवाएं। देश में कोरोना की डेथ रेट एक प्रतिश है। पहले भी इतनी ही थी।
इसलिए लोगों को इतना घबराने की जरुरत नहीं है। इससे लोग ठीक हो रहे हैं। बीमारी के लक्षण आने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं और होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करें। अच्छा पोष्टिक भोजन करें और खुश रहे। तभी इस संक्रमण को हराया जा सकता है।