जब लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया तब नगर परिषद प्रशासन ने ब्लॉक एरिया और तैली मोहल्ले में इन नालों को फेरो कवर से ढक दिया था लेकिन शहर में अब भी कई ऐसे इलाके हैं जहां खुले नालों से आने वाली बदबू से राहगीर परेशान हो रहे हैं। इन नालों को साफ करने के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।
चहल चौक से लेकर पुरानी आबादी के टावर रोड तक ऐसे हालात हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पुरानी आबादी में कई स्कूली बच्चे जब मुख्य नालों में गिरे तब लोगों के विरोध को देखते हुए परिषद ने वहां चार फेरो कवर लगाकर खानापूर्ति कर ली। वार्ड तीन और वार्ड सोलह में ऐसे में नालों से हादसे का अंदेशा अधिक है।
पुरानी आबादी वार्ड तीन
इस इलाके में पिछले दिनों आई बरसात का पानी करीब चार से पांच दिन पसरा रहा। वजह बताई गई कि मुख्य नाले को कवर कर अतिक्रमण कर लिया गया है, इसे तोडऩे से राहत मिल सकती है। नगर परिषद प्रशासन ने वहां उन लोगों के घरों के आगे चबूतरे हटाकर वहां मुख्य नाले को खुलवा लिया। नतीजन पानी की निकासी हुई लेकिन समस्या ज्यों की त्यों रह गई है। नाले को अभी तक साफ नहीं करवाया गया है। इन नालों में आए दिन बच्चों के गिरने की घटनाएं होने लगी है।
ट्रैक्टर मार्केट
चहल चौक से सूरतगढ़ मार्ग के बीच ट्रैक्टर मार्केट के बीचोबीच मुख्य नाला खुला होने के कारण वहां गदंगी के ढेर लगे हुए हैं। इस कारण आसपास के दुकानदार इस नाले को कचरा संग्रहण केन्द्र बना चुके हैं। यहां तक कि सफाई कर्मचारी कभी कभार आते हैं तो वे भी इस नाले में कचरा डालकर अपनी ड्यूटी बजा लेते हैं। करीब तीन महीने पहले नगर परिषद अमले ने इस नाले को साफ करवाया तो वहां करीब तीन ट्राली डिस्पोजल निकला था।
यह सही है कि खुले नालों में स्कूली बच्चों के गिरने की घटनाएं हो चुकी है। लेकिन इन्हें कवर करने से पानी निकासी में अड़चन आती है। बरसात का मौसम निकलने के बाद इन नालों कवर करवाया जाएगा।
-सुनीता चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद