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सरकारी मेडिकल कॉलेज की राह खुलने से प्रोपर्टी के दामों में आएगी अब तेजी

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 11, 2019 02:41:29 pm

Submitted by:

surender ojha

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 medical college

सरकारी मेडिकल कॉलेज की राह खुलने से प्रोपर्टी के दामों में आएगी अब तेजी

श्रीगंगानगर। इलाके में आखिर सरकारी मेडिकल कॉलेज बनने की राह खुल गई। सीएम अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री के रूप में बजट भाषण में जिला मुख्यालय पर करीब छह साल से अधूरे पड़े इस मेडिकल कॉलेज का निर्माण सरकार की ओर से कराने की घोषणा की तो विधानसभा सदन में हमारे इलाके के विधायकों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया वहीं जिला मुख्यालय पर विभिन्न संगठनों ने इस पहल पर आतिशबाजी करते हुए खुशी का इजहार किया।
राजकीय जिला चिकित्सालय से सटी सरकारी भूमि पर इस कॉलेज के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने की जैसे ही घोषणा हुई तो प्रोपर्टी डीलरों के चेहरे पर रौनक आ गई है। सूरतगढ़ मार्ग पर स्थित प्रस्तावित इस कॉलेज के आसपास भूखण्डों में अब फिर से बूम आने की उम्मीदें है। कॉलेज निर्माण के संबंध में राजस्थान पत्रिका ने इस मुद्दे को सबसे पहले उठाया था।
यह भी संयोग कि जब वर्ष 2012 में नर्सिग एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कांग्रेस के तत्कालीन नेता और अब मौजूदा निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ ने मेडिकल कॉलेज खुलने की बात कही थी, उसके उपरांत पत्रिका ने प्राइवेट की बजाय सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने का आवाज उठाई। यह आवाज आंदोलन के रूप में उठी। यही वजह रही कि दानदाता ने एक सौ करोड़ रुपए का चेक देकर इस राह को आगे बढ़ाया। जिला मुख्यालय से गंभीर रोग या गंभीर स्थिति में मरीजों को मजबूरन जयपुर, दिल्ली या चंडीगढ़ या लुधियाना रैफर करना पड़ता है। ऐसे में जरुरतमंद परिवार अपने सदस्य का उपचार नहीं करवा पाते। इस कॉलेज के निर्माण के लिए दानदाता और सरकार के बीच एमओयू हुआ। कॉलेज निर्माण के नाम पर सियासत भी तेज होती गई और जमींदारा पार्टी से कामिनी जिन्दल ने पिछले विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत कर दर्ज कर विधायक बन गई। भाजपा से जमींदारा पार्टी की दूरियां उस समय खत्म हो गई जब तीन साल पहले प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में तत्कालीन विधायक जिन्दल ने भाजपा के पक्ष में वोटिंग की। लेकिन मेडिकल कॉलेज बनाने का सपना फिर भी पूरा नहीं हो पाया।
ज्ञात रहे कि 7 अक्टूबर 2012 को सबसे पहले राजस्थान पत्रिका ने इलाके की जरुरतों को समाचार प्रकाशित किए, इसी के साथ मेडिकल कॉलेज का मुददा बना। इस संबंध में 11 अक्टूबर 2012 को दानदाता ने 100 करोड़ रुपए का चेक देकर मेडिकल कॉलेज बनाने का प्रस्ताव रखा। इस पर कॉलेज बनाने की दिशा में माहौल तैयार हो गया।
अगले बीस दिनों में जनता की ओर से दिए गए धरने की मांग जब सीएमओ तक पहुंची तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कॉलेज निर्माण का आश्वासन दिया। 12 सितम्बर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजकीय जिला चिकित्सालय के सटी भूमि पर प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज परिसर में भवन का शिलान्यास किया। उस समय घोषणा भी की गई कि शिक्षा सत्र जुलाई 2014 तक कॉलेज बनाकर तैयार हो जाएगा और मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। लेकिन सरकार बदलने से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

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