सम्बल ग्राम योजना के तहत चिह्नित 1409 गांव में योजना के अनुसार मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाए। ये वो गांव है, जिनमे सर्वाधिक अनुसूचित जाति के परिवार निवास करते है। उन्होने कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों के सम्पर्क में रहे तथ विकास से संबंधित कार्यो में किसी तरह का विलम्ब नही होना चाहिए।
डोटासरा ने जिले में विद्युत आपूर्ति नियमित रखने, खराब मीटरों को बदलने तथा विद्युत छिजत में कमी लाने के निर्देश दिए। डोटासरा ने प्रत्येक सरकारी विभागों का फीडबैक लिया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में डयूटी की बजाय फरलो पर रहने वाले कार्मिकों की नियमित चैकिंग कर सुधारने की व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला कलक्टर को नसीहत दी।
डोटासरा ने कहा कि ग्राम स्तर पर सेवारत पटवारी व ग्राम विकास अधिकारियों को मुख्यालय पर रहकर प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 6.30 बजे तक कार्यालयों में उपस्थित रहना होगा। उन्होने कहा कि ग्राम स्तर के कर्मिक एक प्रमुख कडी है।
डोटासरा समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होने कहा कि ग्राम स्तर के कार्मिक मुख्यालय पर नही रहेंगे तो सरकार की योजनाएं धरातल पर कैसे पहुंचेगी। ऐसे में ग्राम स्तर के कार्मिकों का नियमित निरीक्षण किया जाए तथा ग्राम पंचों से उपस्थिति के संबंध में फीडबैक लिया जाए। उन्होने कहा कि चुनी हुए महिला जनप्रतिनिधियों तथा राजकीय सेवा में सेवारत महिला कार्मिक ही अपने कार्य को पूरा करे तथा वे सक्षम भी है, लेकिन कई स्थानों पर महिलाओं के पति कार्य करते है या कार्य में दखलांदाजी करते ह,जो उचित नही है।
उन्होने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा में मेट को रोटेशन के अनुसार लगाए, अगर प्रशिक्षण की आवश्यकता है, तो उन्हे प्रशिक्षित किया जाए। इस मौके पर जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नाकते, पुलिस अधीक्षक हेमन्त शर्मा, जिला परिषद सीइओ सौरभ स्वामी, एडीएम प्रशासन ओपी जैन, एडीएम सिटी राजवीर सिंह, उपवन सरंक्षक पयोंग शशि, विद्युत निगम के अधीक्षण अभियन्ता केके कस्वा, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता सुशील बिश्नोई, पेयजल विभाग के अधीक्षण अभियन्ता बलराज शर्मा सहित विभिन्न विभागों अधिकारी उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री ने पिछले दिनों यहां जिला मुख्यालय पर हुए 38 करोड़ रुपए के घोटाले के संबंध में प्रशासनिक और शिक्षा अधिकारियों पर जमकर बरसे। उनका कहना था कि प्रतिनियुक्तियां समाप्त करने के आदेश किए थे लेकिन अब तक यह सिलसिला थमा नहीं है। उन्होंने शिक्षण कार्य में लगे शिक्षकों, प्रधानाचार्यो से शिक्षा का कार्य ही लिया जाए।
किसी कार्यालय में कार्मिको के अभाव में कार्य प्रभावित हो रहा हो तो मंत्रालयिक कार्मिको की सेवा ली जाएं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अधिकारी जनता की समस्याओं को सुने तथा उसका समाधान करने का पूरा प्रयास करे।
श्रीगंगानगर विधायक राजकुमार गौड़ और सूरतगढ़ विधायक रामप्रताप कासनियां ने सीवरेज के अधूरे कार्यो पर प्रभारी मंत्री को हकीकत बताई।
गौड़ का कहना था कि शहर के कई इलाके में अब भी सडक़ों और नालियों का निर्माण नहीं हो पाया है। वहीं कासनियां ने आरोप लगाया कि सूरतगढ़ शहर में सीवरेज की ठेका कंपनी का प्रबंधन सही नहीं है। बरसात आई तो पूरा शहर बदहाल हो जाएगा। सादुलशहर विधायक जगदीश जांगिड ने सुझाव दिया कि महात्मा गांधी नरेगा में जो मेट लम्बे समय से चल रहे है, उन्हे बदला जाए।