रिंग में नाम मिला सन्नीउर्मिला बारहवीं तक शहर के गुरुनानक बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ी है। यहां उसने कबड्डी खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे उसका रुझान कुश्ती की ओर होता चला गया। वह खेलों में नाम रोशन करना चाहती थी और इसी को
ध्यान में रखकर उसने चुना डब्ल्यूडब्लयूई में कुश्ती करने का रास्ता। उर्मिला फ्री स्टाइल कुश्ती रिंग में ‘सन्नी जाटÓ के नाम से उतरती है। इंटरनेट से जुटाई
खली की जानकारीसन्नी की जब कुश्ती में रुचि जागी तो उसके पिता जैमलराम गोदारा ने भी उसे पूरा सहयोग दिया। पिता का प्रोत्साहन पाकर उसने इंटरनेट से ग्रेट खली के बारे में जानकारी जुटाई और जालंधर में उसकी एकेडमी में भर्ती हो गई।
वहां उसे शुरुआत में तो एक वर्ष तक प्रशिक्षण दिया गया, और जब प्रशिक्षण पूरा हुआ तो उसने जालंधर में प्रति सप्ताह होने वाले शो में अपनी प्रतिभा दिखाई और जीत दर्ज की। उसने अपनी पहली फाइट पंजाब की रीटा रेसलर और हरियाणा की कविता दलाल से लड़ी और जीत हासिल की। अब दिया ट्राइ आउटसन्नी ने डब्ल्यूडब्ल्यूई में फाइट के लिए ट्राइ आउट दिया है। इसके लिए उसकी पंजाब की रीटा रेसलर और दिल्ली की बीबी बुलबुल से त्रिकोणीय फाइट लड़ी।
इस फाइट का परिणाम अगले कुछ दिन में आएगा। इसके साथ ही उसका
उदयपुर में होने वाली एक फाइट के लिए चयन हुआ है। इस फाइट में वह अंतरराष्ट्रीय फ्री स्टाइल कुश्ती खिलाडि़यों से भिड़ेगी। राजस्थान की पहली खिलाड़ीसन्नी राजस्थान की पहली खिलाड़ी हैं जो इस खेल से जुड़ी हैं। वे बताती हैं कि उसके साथ ही कई खिलाडि़यों ने उसके खेल को देखा, पहले पहल तो इसके प्रति रुचि दिखाई जब इसमें जान का खतरा देखा तो पांव पीछे हटा लिए। सन्नी बताती हैं कि इस खेल में जान का खतरा है लेकिन अपना और प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए इतना खतरा उठाना तो जरूरी है।