घटनाक्रम के बारे में हैड कांस्टेबल महेन्द्र राम ने बताया कि सीमा क्षेत्र से महज दो किमी दूर गांव ६१ एफ के सुखदेव सिंह बावरी शनिवार सुबह अपने खेत में गया तो वहां पेड़ के नीचे कबूतर बैठा था। इस दौरान इसके पंखों पर उर्दू में कुछ लिखा देख उसके होश उड़ गए। पुत्र लखविंद्र सिंह की मदद से उसने तुरंत कबूतर को कब्जे में लिया और गांव के निकट करीब तीन किमी दूर सीमा सुरक्षा बल चौकी पर सूचना दी। इस पर बीएसएफ अधिकारी मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे तक कबूतर की जांच की। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। हैड कांस्टेबल ने बताया कि आवश्यक कार्यवाही के बाद शाम को कबूतर थाने में लाया गया।
सीआइ राजकुमार राजोरा ने बताया कि रास्ता भटककर आए पाकिस्तानी कबूतर के परों पर उर्दू में ‘उस्ताज अख्तर व ५ से शुरू होने वाली दस अंकों की एक संख्या (संभवत मोबाइल नंबर) लिखी हुई है। वहीं दायें साइड में धुंधला सा शब्द लिखा है जो ‘इरफान’ या ‘मरफान’ हो सकता है। उधर, कबूतर के परों में किसी चिप की आशंका के मद्देनजर मौके पर पहुंचे बीएसएफ के निरीक्षक अमित कुमार सहित अन्य बल कर्मियों ने गहनता जांच की। बल अधिकारियों के मुताबिक कबूतर किसी का पालतू है। और रास्ता भटकर इधर आ गया है। सीआइ ने बताया कि कबूतर के गहन अध्ययन के लिए एसपी को मामले से अवगत करवाकर निरीक्षण टीम मंगवाई गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले 29 मई की दोपहर को सीमा क्षेत्र के गांव 4 एफसी मुकन में सरपंच अंजु बाला के घर एक पाकिस्तानी कबूतर उड़कर आ गया था। पाकिस्तानी कबूतर के परों पर उर्दू में ‘मलाल मोबाइल शॉप चक सुंडा’ व जीरो से शुरू होने वाली बारह अंकों की एक संख्या लिखी हुई थी। प्यास व तेज गर्मी के चलते ही उसकी मौत हो गई थी।