ट्रेन नहीं मिलने पर करीब सौ-सवा सौ यात्रियों ने स्टेशन मास्टर के समक्ष रोष जताया। इस दौरान किसी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए पुलिस को भी मौके पर बुलाया गया। यात्रियों ने स्टेशन मास्टर से टिकट के रिफंड की मांग की। लेकिन उन्हें निराशा के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा। बताया गया कि इस बार जिला मुख्यालय पर बीएसटीसी की प्रवेश परीक्षा होने की वजह से गाड़ी के सभी डिब्बे पहले से ही खचाखच भरे थे।
-यात्रियों ने जताया रोष मगर…
जानकारी अनुसार रविवार सुबह सूरतगढ़ से चलकर श्रीगंगानगर जाने वाली ट्रेन अपने निर्धारित समय ९ बजकर ४० मिनट से करीब आधा घंटा देरी से यहां पहुंची। रुकने के तय समय दो मिनट की बजाय दस मिनट खड़ी रहने के बावजूद करीब सौ-सवा सौ यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ सके। इस दौरान ट्रेन निकलने पर वार्ड पांच निवासी बीरबल राम, वार्ड सात निवासी केशव खिरबाट, वार्ड १७ निवासी पार्वती देवी, हुकमा राम, संगरिया निवासी सन्नी, सोनू, ममता सहित करीब दो दर्जन यात्रियों ने स्टेशन मास्टर हंसराज खिरोड़ को बताया कि टिकट होने के बावजूद वे गाड़ी नहीं पकड़ सके।
जानकारी अनुसार रविवार सुबह सूरतगढ़ से चलकर श्रीगंगानगर जाने वाली ट्रेन अपने निर्धारित समय ९ बजकर ४० मिनट से करीब आधा घंटा देरी से यहां पहुंची। रुकने के तय समय दो मिनट की बजाय दस मिनट खड़ी रहने के बावजूद करीब सौ-सवा सौ यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ सके। इस दौरान ट्रेन निकलने पर वार्ड पांच निवासी बीरबल राम, वार्ड सात निवासी केशव खिरबाट, वार्ड १७ निवासी पार्वती देवी, हुकमा राम, संगरिया निवासी सन्नी, सोनू, ममता सहित करीब दो दर्जन यात्रियों ने स्टेशन मास्टर हंसराज खिरोड़ को बताया कि टिकट होने के बावजूद वे गाड़ी नहीं पकड़ सके।
यात्रियों के मुताबिक ट्रेन में हर डिब्बा पहले ही खचाखच भरा था। और यात्री दरवाजों पर लटके हुए थे। इससे मजबूरन उन्होंने ट्रेन छोडऩी ही पड़ी। टिकट रिफंड के लिए यात्री काफी देर तक स्टेशन मास्टर से उलझते रहे। लेकिन एसएम खिरोड़ ने यात्रियों को इसी टिकट पर दोपहर वाली गाड़ी से जाने के लिए कहा। वहीं, नियमानुसार तीस रुपए से कम मूल्य की टिकट का रिफंड नहीं होने की बात कही।
-जाना था गंगानगर, उतर गई करणपुर
उधर, दो बच्चों के साथ आई गजसिंहपुर निवासी लाली देवी व उसकी पुत्री आशु देवी ने बताया कि उन्होंने श्रीगंगानगर जाना था लेकिन डिब्बे में भीड़ के बावजूद यहां धक्का देकर चढ़े यात्रियों को देख उसे घबराहट होने लगी और वह बेटी व बच्चों सहित यहीं उतर गई। रेल संघर्ष समिति के संयोजक बलदेव सैन ने घटनाक्रम पर रोष जताया।
उधर, दो बच्चों के साथ आई गजसिंहपुर निवासी लाली देवी व उसकी पुत्री आशु देवी ने बताया कि उन्होंने श्रीगंगानगर जाना था लेकिन डिब्बे में भीड़ के बावजूद यहां धक्का देकर चढ़े यात्रियों को देख उसे घबराहट होने लगी और वह बेटी व बच्चों सहित यहीं उतर गई। रेल संघर्ष समिति के संयोजक बलदेव सैन ने घटनाक्रम पर रोष जताया।
उन्होंने कहा कि ग्राीष्मावकाश व परीक्षा के मद्देनजर रेल प्रशासन को अतिरिक्त डिब्बों का इंतजाम करना चाहिए। लेकिन रेल अधिकारियों की मनमानी के चलते ही यात्री हर रोज ही भेड़ बकरियों की तरह यात्रा करने को मजबूर हैं। उन्होंने मामले में आंदोलन की चेतावनी दी।