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ऑक्सीजन पर मरीज ज्यादा, अस्पताल की क्षमता कम, अटक सकती है कभी भी ‘सांसें’

locationश्री गंगानगरPublished: May 07, 2021 10:25:33 am

Submitted by:

Krishan chauhan

 
-हनुमानगढ़, जयपुर, पंजाब व दिल्ली सहित अन्य जगह से कोरोना संक्रमित जिला राजकीय चिकित्सालय में हो रहे हैं भर्ती
 

ऑक्सीजन पर मरीज ज्यादा, अस्पताल की क्षमता कम, अटक सकती है कभी भी ‘सांसें’

ऑक्सीजन पर मरीज ज्यादा, अस्पताल की क्षमता कम, अटक सकती है कभी भी ‘सांसें’

ऑक्सीजन पर मरीज ज्यादा, अस्पताल की क्षमता कम, अटक सकती है कभी भी ‘सांसें’

-हनुमानगढ़, जयपुर, पंजाब व दिल्ली सहित अन्य जगह से कोरोना संक्रमित जिला राजकीय चिकित्सालय में हो रहे हैं भर्ती

श्रीगंगानगर. सरकारी व निजी चिकित्सालयों में कोविड संक्रमित रोगियों की संख्या दूसरी लहर के बाद बढ़ती जा रही है। कोविड अस्पताल में बेड की क्षमता व ऑक्सीजन सप्लाई कम है। जबकि रोगियों की जान बचाने के लिए श्रीगंगानगर सहित हनुमानगढ़, जयपुर, पंजाब, दिल्ली सहित अन्य जगह से रोगी चिकित्सालय में भर्ती हो रहे हैं। इस कारण एकाएक ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। ऑक्सीजन मांग की तुलना में सप्लाई कम मिल रही है।
जिला चिकित्सालय के कोविड अस्पताल की क्षमता 140 बेड की है, जिसे बढ़ाकर 185 बेड कर दिया है। जबकि चिकित्सालय प्रबंधन के पास पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। चिकित्सालय का ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 35 रोगियों को ऑक्सीजन सप्लाई देने की है। जबकि चिकित्सालय में सुबह 142 रोगी और शाम को 116 रोगी ऑक्सीजन पर थे। इस स्थिति में चिकित्सालय प्रबंधन को प्रतिदिन 100 डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता रहती है। हालांकि अभी ऑक्सीजन सप्लाई मिल रही है। चिकित्सालय को एक मई से पांच मई तक 374 ऑक्सीजन सिलेंडर मिले हैं। इनमें डी-टाइप 328 और 46 ऑक्सीजन सिलेंडर छोटे हैं।
ऑक्सीजन की व्यवस्था एक-दो दिन से अधिक नहीं
चिकित्सालय में ऑक्सीजन सप्लाई की चेन टूटते ही रोगियों की सांसें अटक जाएगी। चिकित्सालय में ऑक्सीजन की व्यवस्था एक-दो दिन से अधिक नहीं है। इस स्थिति में ऑक्सीजन सप्लाई देरी से आने और प्लांट के जवाब देने पर बिना ऑक्सीजन रोगियों की जान बचाना मुश्किल हो जाएगा। कोविड अस्पताल में क्षमता के अनुसार रोगी भर्ती करने चाहिए या फिर अतिरिक्त ऑक्सीजन की व्यवस्था अभी से करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर कभी ऑक्सीजन की कमी से रोगियों की सांसें अटक जाती है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ?
प्लांट की क्षमता डी-टाइप 35 सिलेंडर की
राजकीय जिला चिकित्सालय का ऑक्सीजन प्लांट लगातार चल रहा है। इस प्लांट की क्षमता एक दिन में 35 डी-टाइप सिलेंडर ऑक्सीजन उत्पादन की है। इसमें 35 रोगियों को सैंट्रल पाइप लाइन से ऑक्सीजन दी जा रही है। यह प्लांट नियमित रूप से चल रहा है और इसकी सांसें भी फूलने लगी है। इनमें दो-तीन बार व्यवधान भी आ चुका है।
कोविड अस्पताल की ऑक्सीजन क्षमता

चिकित्सालय प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सालय में 10 आइसीयू वार्ड में 40 ऑक्सीजन बेड से ज्यादा ऑक्सीजन सप्लाई देने में असमर्थ है। कोविड वार्ड में 15 डी-डाइप सिलेंडर ऑक्सीजन उपलब्ध रहती है। जिसको आपातकालीन परिस्थितियों में काम में लिया जाता है। चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने गत दिनों हुई बैठक में स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. रोमल सिंह को अवगत करवाया था।
ऑक्सीजन को लेकर मारामारी

कोविड अस्पताल में ड्यूटी कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि ऑक्सीजन को लेकर अस्पताल में मारामारी हो रखी है। रोगी के ऑक्सीजन चल रही है जबकि परिजन की नजर होती है कि ऑक्सीजन सप्लाई की ट्रॉली आने पर सिलेंडर लेने को लेकर मारामारी मची जाती है। एक रोगी के बेड के नीचे तीन सिलेंडर निकाले गए।
रीको प्लांट से री-फिलिंग कर ऑक्सीजन सप्लाई
रीको में ऑक्सीजन री-फिलिंग प्लांट श्री जगदंबा इंडस्ट्रीज के नाम से लगा हुआ है। इस प्लांट से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू को ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। पहले दिनभर में 200 सिलेंडर और अब करीब 500 से अधिक सिलेंडरों की री-फिलिंग हो रही है। अब कोरोना महामारी में ऑक्सीजन प्लांट सुबह आठ से रात्रि दो बजे तक 18 घंटे तक चलाया जा रहा है।
चिकित्सालय को कितनी मिली ऑक्सीजन
1 मई- 75 डी-टाइप व 4 छोटे सिलेंडर
2 मई- 47 डी -टाइप
3 मई- 54 डी-टाइप, 11 छोटे सिलेंडर

4 मई-65 डी टाइप
5 मई -87 डी टाइप, 31 छोटे सिलेंडर

फैक्ट फाइल

-कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन पर भर्ती रोगी
-142-ऑक्सीजन प्लांट से प्रतिदिन ऑक्सीजन उत्पादन-35 डी-टाइप सिलेंडर
-कोविड अस्पताल में प्रतिदिन डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत-100

आइसीयू, सीसीयू, नर्सरी और आपातकालीन ऑपरेशन -15 डी-टाइप सिलेंडर

(राजकीय जिला चिकित्सालय की स्थिति)

कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमित व संदिग्ध मरीज ऑक्सीजन पर ज्यादा रहते हैं। चिकित्सालय प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 35 डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की है। रोगी बढऩे पर ऑक्सीजन की खपत ज्यादा होती है। प्रतिदिन 100 डी-टाइप सिलेंडर की मांग है। इसको स्टेट नोडल अधिकारी व जिला कलक्टर तक अवगत करवा दिया है। वर्तमान में सुबह 142 मरीज और शाम को 116 मरीज ऑक्सीजन पर थे और 40 डी-टाइप सिलेंडर ऑक्सीजन उपलब्ध थी।
-डॉ. बलदेव सिंह चौहान, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, राजकीय जिला चिकित्सालय, श्रीगंगानगर।
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