इस पर साइट के प्रबंधक ने उसे 28 दिसम्बर 16 को डायमंड प्लान के तहत छह हजार रुपए भी वसूल किए। लेकिन प्रबंधक ने डायमंड प्लान की जगह गोल्डन प्लान उसे दे दिया। यहां तक कि उसकी प्रोफाइल में फोटो भी नहीं लगाई। जब उसने शिकायत की तो उसे दूसरी शाखा में फिर से छह हजार रुपए जमा कराने और सर्विस देने की बात कही।
इस ऑनलाइन साइट के प्रबंधक की लापरवाही से उसका रिश्ता भी नहीं हो पाया। इस संबंध में 13 अगस्त 2018 को नोटिस भी दिया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस पर आयोग ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए निर्णय सुनाया। इस में साइट की सेवा में कमी मानते हुए परिवादी की ओर से दी गई राशि छह हजार रुपए नौ प्रतिशत ब्याज 28 दिसम्बर 16 से अदायगी तक, शारीरिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति के एवज में तीन हजार और परिवाद व्यय के तीन हजार रुपए सहित चुकाने के आदेश किए।
इसी कोर्ट ने दूसरे मामले में कार खराब होने पर दुरुस्त करने के एवज में क्लेम राशि नहीं देने पर बीमा कंपनी को ब्याज सहित क्लेम राशि के साथ साथ परिवाद व्यय और मानसिक क्षतिपूर्ति के दस हजार रुपए चुकाने के आदेश कंजूमर फोरम ने दिए है। परिवादी शंकर कॉलोनी निवासी वीरपाल कौर पत्नी कुलदीप सिंह ने अधिवक्ता कुंदनलाल जोशी के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष बाबा रामदेव मंदिर के सामने नेशनल हाइवे पन्द्रह िस्थत लिबर्टी विडियोकॉन जनरल इंशोरेंस कंपनी के खिलाफ परिवाद पेश किया।
इसी कोर्ट ने दूसरे मामले में कार खराब होने पर दुरुस्त करने के एवज में क्लेम राशि नहीं देने पर बीमा कंपनी को ब्याज सहित क्लेम राशि के साथ साथ परिवाद व्यय और मानसिक क्षतिपूर्ति के दस हजार रुपए चुकाने के आदेश कंजूमर फोरम ने दिए है। परिवादी शंकर कॉलोनी निवासी वीरपाल कौर पत्नी कुलदीप सिंह ने अधिवक्ता कुंदनलाल जोशी के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के समक्ष बाबा रामदेव मंदिर के सामने नेशनल हाइवे पन्द्रह िस्थत लिबर्टी विडियोकॉन जनरल इंशोरेंस कंपनी के खिलाफ परिवाद पेश किया।
इसमें बताया गया कि इस बीमा कंपनी से उसकी कार का बीमा था। उसकी कार मलोट से बठिण्डा के बीच राजस्थान कैनाल नहर के पास अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस पर अधिकृत सर्विस सैंटर से कार को दुरुस्त कराया। कार मरम्मत पर हुए खर्च में एक लाख 22 हजार 994 रुपए का क्लेम बीमा कंपनी से मांगा तो इंकार कर दिया।
जबकि कंपनी का कहना था कि यह कार अन्य को बेचान कर दिया। लेकिन सर्वेयर ने एक लाख 60हजार 80 रुपए का क्लेम न्यायोचित मानते हुए रिपोर्ट दी। इस पर आयोग के अध्यक्ष साहबराम मोटयार ने बीमा कंपनी को क्लेम राशि एक लाख 60हजार 80 रुपए नौ प्रतिशत ब्याज सहित दो माह में देने के साथ साथ शारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के पांच हजार और परिवाद व्यय के पांच हजार रुपए चुकाने के आदेश किए।