प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टिप्पर में कंटेनर के उठाव के लिए ऑटोमैटिक पाइप लगी रहती है। इस पाइप में अड़चन आने से यह कंटनेर जब उठ तो गया, लेकिन वापिस नीचे नहीं आ रहा था, तब ड्राइवर ओमप्रकाश चाबी और प्लास से खुद ही उसे दुरुस्त करने लगा। इसी दौरान टिप्पर की पाइप फट गई और कचरे से भरा कंटेनर नीचे आ गिरा, जिसके नीचे ओमप्रकाश दब गया। राहगीरों की मदद से उसे कंटेनर के नीचे से किसी तरह बाहर निकाला गया। उसके पास खड़े हेल्पर विनोद के माथे पर चोटें आई हैं।
ओमप्रकाश को उसी समय चिकित्सालय लाया गया, जहां उसने करीब चालीस मिनट बाद दम तोड़ दिया। ड्राइवर ओमप्रकाश संविदा कर्मचारी था, जबकि विनोद स्थायी कार्मिक है। सूचना मिलते ही शहर के वार्डों में कचरा ढो रहे टिप्पर ड्राइवर अपने टैम्पो लेकर चिकित्सालय परिसर में आ गए। वहीं परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह, सफाई मजदूर कांग्रेस के नगर अध्यक्ष सुनील शेट्टी , महामंत्री बंटी वाल्मीकि, रामशरण कोचर, प्रेम भाटिया, वकीलचंद आदि पहुंचे। सफाई कर्मियों ने यहां हंगामा करना शुरू कर दिया। शव को चिकित्सालय की मोर्चरी रूम में रखवाया गया है।
बीस लाख मुआवजा और पत्नी को नौकरी दो सफाई मजदूर कांग्रेस यूनियन ने मृतक ओमप्रकाश की ऑन डयूटी मौत होने पर उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी और बीस लाख रुपए का पैकेज घोषित करने की मांग की। सभापति अजय चांडक, आयुक्त सुनीता चौधरी, पूर्व सभापति जगदीश जांदू, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार गौड़, भाजपा के प्रहलाद टाक, रमजान अली चोपदार, मनिन्दर सिंह मान, राजेन्द्र राठी, पार्षद सलीम चोपदार आदि ने मृतक के प्रति सांवत्ना देने का प्रयास किया, लेकिन यूनियन पदाधिकारियों ने सरकारी नौकरी और बीस लाख रुपए पैकेज देने की घोषणा के बाद ही मृतक का पोस्टमार्टम करने की मांग दोहराई। पुरानी आबादी और सदर थाने से पुलिस दल भी ऐहतिहात के तौर पर पहुंच गया।