बढ़ते दामों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसी जून माह के महज बीस दिनों में ही नौ बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा कर दिया गया है। एक जनवरी को पेट्रोल के दाम 95.84 रुपए प्रति लीटर था जो 12.55 रुपए की वृद्धि कर 20 जून को 108.39 रुपए प्रति लीटर बिका।
इसी तरह एक जनवरी को डीजल 87.43 रुपए था जो13.70 रुपए बढ़कर अब 23 जून को 101.13 रुपए प्रति लीटर की दर से बिकने लगा है। इलाके के जनप्रतिनिधि भी भाजपा और कांग्रेस के नाम पर बंटे हुए है।
कांगे्रसी इसके लिए भाजपा की केन्द्र सरकार को जिम्मेदार मान रहे है तो वहीं भाजपाई राज्य सरकार को लगातार वैट में की जा रही बढ़ोत्तरी को गहलोत सरकार के माथे मढ़कर पल्ला झाड़ रहे है। इन दोनों दलों की सियासत की नौटंकी का नुकसान आम उपभोक्ता की जेब पर पड़ रहा है।
पंप संचालक रवीन्द्र भाटिया ने बताया कि जिला मुख्यालय पर 1 जनवरी को डीज़ल :87.43 रुपए था जबकि 23 जून को यह डीजल 101.13 रुपए रुपए बिका। यानि 13.70 रुपए का इजाफा हो गया है।
इसी तरह एक जनवरी को पेट्रोल 95.84 रुपए था जो 20 जून को 108.39 रुपए हो गया। यानि 12.55 रुपए का इजाफा हो गया है। उन्हेांने बताया कि जनवरी में 11 बार बढ़ा और 2 बार घटा था। इसी प्रकार फरवरी में 16 बार बढा जबकि माचज़् में कोई वृद्धि नहीं हुई। वहीं, अप्रैल में 2 बार बढ़ा और मई तो कोरोनाकाल के चरम होने के बावजूद 14 बार बढा दिया गया। इसी प्रकार जून में अब तक 9 बार बढ़ा चुका है।