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पीएचसी-सीएचसी से रेफर प्रसूताओं से लडख़ड़ाती स्वास्थ्य सेवाएं

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 13, 2019 05:44:17 pm

Submitted by:

Krishan chauhan

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पीएचसी-सीएचसी से रेफर प्रसूताओं से लडख़ड़ाती स्वास्थ्य सेवाएं

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जिला चिकित्सालय का हाल-बेहाल

पीएचसी-सीएचसी (PHC-CHC) से रेफर प्रसूताओं से लडख़ड़ाती स्वास्थ्य सेवाएं

-जिला चिकित्सालय में साल दर साल बढ़ रहे सीजेरियन प्रसव-पौने चार साल में 3331 सीजेरियन और 17 हजार 145 सामान्य प्रसव- जिले की एक दर्जन पीएचसी ऐसी है जहां पर कई माह से कभी किलकारी तक नहीं गूंजी
श्रीगंगानगर. राजकीय जिला चिकित्सालय में हर साल सामान्य प्रसव पांच हजार और एक हजार सीजेरियन प्रसव का आंकड़ा तक पहुंचने लगा है। इससे चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। जबकि पीएचसी, सीएचसी पर गर्भवती महिलाओं का प्रसव या सीजेरियन अपेक्षाकृत कम हो रहा है जबकि वहां का नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर काम करने से बचना चाहता है। इस चक्कर में रोगी को जिला मुख्यालय पर रेफर (Referral) करने ही ज्यादा सही समझते हैं। (rajasthan patrika news) इस कारण जिला चिकित्सालय के गायनिक वार्ड, पीएनसी, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड (Maternity Health) व लैबर रूम आदि में काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाता है। पर्याप्त स्टाफ नहीं होने से रोगी को बेहतर चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पाती है। जिले की एक दर्जन पीएचसी ऐसी है (sriganganagar hindi news)
जहां पर कई माह से कभी किलकारी तक नहीं गुंजी है। श्रीगंगानगर जिले में वर्ष 2019-20 में अप्रेल 2019 से लेकर जुलाई तक संस्थागत प्रसव 39 हजार 126 के लक्ष्य की तुलना में 8851 संस्थागत प्रसव हुए हैं।
यहां पर बढ़ रह है प्रसव

राजकीय जिला चिकित्सालय में पौने चार साल में 3331 सीजेरियन प्रसव हुए हैं। जहां वर्ष 2018 में 981 प्रसव हुए। वर्ष 2019 में सात माह में 541 सीजेरियन प्रसव हो चुके हैं। पहले की तुलना में इस साल राजकीय जिला चिकित्सालय में सीजेरियन प्रसव में इजाफा होने की संभावना है। जिला चिकित्सालय में पौने चार माह में 17 हजार 145 सामान्य प्रसव हुए हैं। एक साल में चिकित्सालय में पांच हजार सामान्य प्रसव हुए हैं। जहां वर्ष 2018 में 5037 सामान्य प्रसव हुए थे वहीं सात माह में 2019 में जुलाई तक तक 2082 सामान्य प्रसव हुए हैं।
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सीजेरियन प्रसव
वर्ष प्रसव

2016 977
2017 832

2018 981
2019 541

पौने तीन साल-3331

सामान्य प्रसव का गणित
वर्ष प्रसव

2016 4982
2017 5044

2018 5037
2019 2082

इसका मुख्य कारण जिले की पीएचसी, सीएचसी पर सीजेरियन प्रसव की सुविधा पर्याप्त नहीं होना है। निजी अस्पताल में सीजेरियन प्रसव महंगा है जबकि राजकीय चिकित्सालय में नि:शुल्क है। सााथ ही जिला चिकित्सालय में पीएचसी,सीएचसी से मरीज रेफर होकर ज्यादा आते हैं। इस कारण प्रसव व सीजेरियन प्रसव की संख्या में इजाफा हो रहा है।
-डॉ. केएस कामरा, पीएमओ, राजकीय जिला चिकित्सालय, श्रीगंगानगर।

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