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सावन में सुखद संयोग : भोले की पूजा की शुरुआत सोमवार से और समापन भी, बेहद खास है इस बार का सावन महीना

इस बार सावन में शुभ संयोग बन रहा है। इस बार सावन सोमवार से शुरू होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीतियोग और आयुष्मान तीन योग बन रहे हैं।

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Sri Ganganagar News : श्रीगंगानगर. इस बार सावन मास कुछ अलग होगा। करीब सात साल बाद सावन में पांच सोमवार का सुखद संयोग बन रहा है। इससे भी बड़ी बात तो यह है कि सावन की शुरुआत भी सोमवार से होगी तथा समापन भी सोमवार के दिन ही होगा। इस बार सावन 29 दिन का होगा। इसमें कृष्ण पक्ष के 14 तथा शुक्ल पक्ष के 15 दिन होंगे। कृष्ण पक्ष की तृतीया व चतुर्थी एक ही दिन यानी 24 जुलाई को आएगी जबकि शुक्ल पक्ष की सप्तमी दो दिन 11 व 12 अगस्त को रहेगी जबकि द्वादशी एवं त्रियोदशी एक ही दिन 17 अगस्त को होगी।

विदित रहे कि हिंदू धर्म में सावन अर्थात सावन माह का विशेष धार्मिक महत्व होता है। इसे साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है। पांच सोमवार की वजह से इस बार श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। साथ शिव मंदिरों में होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों की शुरुआत भी हो चुकी है।

Sawan 2024 :तीनों योग का महात्म
सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ योग माना जाता है जो पंचांग में विशेष वार और नक्षत्रों के संयोग से बनता है। माना जाता है कि इस दौरान किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं और उनमें सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह प्रीति योग को प्रेम योग भी कहा जाता है, जो शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। आयुष्यमान योग में किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ फल देते रहते हैं या उनका असर लंबे समय तक रहता है। इस योग में किया गया कार्य जीवन भर सुख देने वाला होता है।

तीन योग का शुभ संयोग भी
इस बार सावन में शुभ संयोग बन रहा है। इस बार सावन सोमवार से शुरू होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीतियोग और आयुष्मान तीन योग बन रहे हैं। 22 जुलाई को सावन के आरंभ होते ही सुबह 05.37 से रात्रि 10.21 तक सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा प्रीति योग जो 21 जुलाई को रात्रि 09.11 पर शुरू होगा और 22 जुलाई को शाम 05.58 पर समाप्त होगा। तीसरा योग आयुष्मान योग है जो शाम 05.58 से आरंभ होकर 23 जुलाई को दोपहर 02.36 पर समाप्त होगा।

'सावन माह में भगवान सूर्य कर्क राशि में होते हैं। कर्क राशि का स्वामी चंद्र है। ज्योतिषिय महत्व में भी चंद्रमा का लक्ष्य करके भगवान शंकर को अर्चन बढ़ जाता है। शिव ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण कर रखा है इसीलिए उनको सोमनाथ व चंद्रमौलिश्वर भी कहा जाता है। इस बार सावन बहुत खास है। यह शुभता प्रदान करने वाला है।' -मुकुंद त्रिपाठी, (दर्शन, ज्योतिष) श्री धर्मसंघ संस्कृत महाविद्यालय।