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SriGanganagar पीएम आत्मनिर्भरयोजना: दो साल से गुहार फिर भी पूरा नहीं हुआ इंतजार

locationश्री गंगानगरPublished: Jun 27, 2022 11:35:18 am

Submitted by:

surender ojha

PM self-reliant scheme: plea for two years still not completed- श्रीगंगानगर जिले के पात्र परिवारों को नहीं मिला सुविधा का लाभ
 

SriGanganagar पीएम आत्मनिर्भरयोजना: दो साल से गुहार फिर भी पूरा नहीं हुआ इंतजार

SriGanganagar पीएम आत्मनिर्भरयोजना: दो साल से गुहार फिर भी पूरा नहीं हुआ इंतजार

श्रीगंगानगर. कोरोना काल में सडक किनारे रेहड़ी और थड़ी लगाकर सामान बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को दस हजार रुपए की आर्थिक मदद कर्जे से आत्मनिर्भर बनाने के लिए दो साल पहले बनाई पीएम स्ट्रीट वैंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना में पूरे जिले में दम तोड़ने लगी है। पात्र परिवारों का आंकड़ा दो हजार तक नहीं पहुंच पाया है। जून 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं इस योजना की शुरूआत करते हुए दावा किया था कि कोरोना काल में आर्थिक मंदी से जूझ रहे ठेले वालों को आत्मनिर्भर करने के लिए सस्ती ब्याज दरों पर ऋण सुविधा मिल पाएगी।
लेकिन इलाके के बैंकों ने पात्र स्ट्रीट वैंडर्स को ऋण देने की बजाय चक्कर कटवाने शुरू कर दिए। नतीजन यह हुआ कि नौ हजार से अधिक वैंडर्स में से तीन हजार ही वैंडर्स को पात्र माना जिसमें से 1796 को ही दस हजार रुपए का ऋण उपलब्ध हो पाया है। शेष 1232 के आवेदन बैंकों में अटके हुए है। इस योजना में सबसे अधिक श्रीगंगानगर शहर और सबसे कम गजसिंहपुर लाभार्थी है।
कोरोनाकाल में सडक किनारे और गलियों में रेहड़ी से फल, सब्जी, नमकीन, आईसक्रीम सहित अन्य खाने पीने की आइटम बेचने वालों की आर्थिक इतना खराब हुई कि चूल्हा तक नहीं जला और कमरे का किराया देना मुश्किल हुआ तो स्ट्रीट वेंडर्स कम हो गए थे।
तब ऐसे वेंडर्स अपने मूल गांव बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के अन्य जिलों को वापस पलायन को मजबूर हो गए। लेकिन कोरोनाकाल छंटते के बाद महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में यहां लौटे लोगों ने स्ट्रीट वेंडर्स के रूप में अपनी रोजी रोटी शुरू कर ली। मौजूदा दौर में स्ट्रीट वेंडर्स का आंकड़ा करीब नौ हजार पार कर चुका है।
केन्द्र सरकार की मंशा थी कि सड़क किनारे ठेले लगाकर सामान बेचने वाले ऐसे दुकानदारों को इस स्कीम से लाभ मिले और वो दोबारा अपने छोटे कारोबार को पटरी पर ला सकें। इस सरकारी ऋण की विशेषता है कि किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती है।
इस स्कीम के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जाता है। लेकिन बैँक प्रबंधकों ने मूल राशि डूबने के भय से अपने हाथ खींचे रखे। हालांकि जिला प्रशासन की दखल के बाद बैंकों ने ऋण की प्रक्रिया शुरू की।
इस बीच, पीएम स्ट्रीट वैंडर्स आत्म निर्भर निधि योजना के जिला मिशन मैनेजर ओमप्रकाश कस्वां के अनुसार पंजीकृत आवेदन तीन हजार में से करीब 18 सौ लोगों को ऋण सुविधा मिली है। शेष 12 सौ आवेदन बैंकों में अटके हुए है। पिछले एक साल में स्ट्रीट वैंडर्स को ऋण की सुविधा मिली है।
जिले में स्ट्रीट वैंडर्स का गणित
शहरी क्षेत्र पात्र आवेदन मिला ऋण
श्रीगंगानगर 1262 697
अनूपगढ़ 177 093
पदमपुर 117 060
सादुलशहर 231 128
श्रीकरणपुर 169 107
श्रीविजयनगर 136 087
रायसिंहनगर 124 076
गजसिंहपुर 091 066
केसरीसिंहपुर 150 129
सूरतगढ़ 571 353
कुल योग 3028 1796
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