महाभारत के काल में अर्जुन जैसा तीरंदाज पात्र के अनुरुप विश्व स्तरीय प्रतिस्पर्धा में राजस्थान में लिम्बाराम ने ओलपिंक में भारत के लिए पदक जीता तो इस खेल के प्रति एकाएक रूझान आने लगे है। यह खेल महंगा है, विश्वस्तरीय धनुष और तीर लाने के लिए अधिक खर्चा होता है। ऐसे में खिलाड़ी इस खेल में कम रूचि लेते है। तीरंदाजी करने वाले पुलिस कर्मियों का कहना था कि राज्य सरकार यदि इस खेल के प्रति ध्यान दे तो हमारे खिलाड़ी ओलम्पिक में देश के लिए पदक ला सकते है।
पुलिस महकमे के तीरंदाज गणेश सिंह, शिवकरण सिंह, श्रवण कुमार और चैन सिंह का कहना है कि वे पुलिस लाइन में नियमित अभ्यास के लिए पुलिस अधीक्षक की अनुशंषा पर छूट मिली है। पुलिस विभाग की खेलकूद प्रतियोगिताओं में इन पुलिस कर्मियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर गलेण्टरी प्रमोशन भी मिला है।