पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर मामले में मृतक मलकीत सिंह के पुत्र सतनाम सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी दिगपाल सिंह ने बताया कि पांच दिन पहले 15 जनवरी की रात अज्ञात व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी थी कि गांव रघुनाथपुरा और गुडली के बीच सडक़ किनारे रेत में एक व्यक्ति का शव दबा है। इसे कत्ते नोच रहे हैं।
सूचना के आधार पर थानाधिकारी दिगपाल सिंह ने घटनास्थल का मुआयना कर रेत में दबे शव को बाहर निकलवा तथा इसे सूरतगढ़ के राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया और मामले की जांच शुरू की। इस दौरान मृतक के कपड़ों में एक डायरी और मोबाइल नंबर मिले।
इसके आधार पर मृतक की पहचान गांव साहूवाला निवासी मलकीत सिंह के रूप में हुई। इसके बाद मृतक के परिजनों को सूचित कर शव का पोस्टमार्टम करवाया गया तथा इसे परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। मृतक की जेब में मिली डायरी और मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल के आधार पर गांव दस सरकारी निवासी कुलदीप सिंह और लालगढ़ निवासी कृष्णचंद बाबा संदेह के दायरे में आ गए।
पुलिस ने पूछताछ के लिए दोनों को राउंंडअप किया। इस दौरान राउंडअप किए गए गांव दस सरकारी निवासी कुलदीप सिंह और लालगढ़ निवासी कृष्णचंद बाबा ने मलकीत सिंह की हत्या करना स्वीकार करते हुए बताया कि मलकीत सिंह के पुत्र सतनाम सिंह ने उन्हें 25 हजार रुपए में अपने पिता की हत्या करने की सुपारी दी थी। इस पर सोमवार को तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया।
यूं दिया वारदात को अंजाम
मामले की जांच कर रहे थानाधिकारी दिगपाल सिंह ने बताया कि मलकीत सिंह के पुत्र सतनाम सिंह का गांव लालगढ़ निवासी बाबा कृष्णचंद के पास आना-जाना था। सतनाम सिंह ने बाबा कृष्णचंद को बताया कि वह अपने पिता से परेशान है। इसके बाद सतनाम सिंह ने अपने पिता मलकीत सिंह को मारने के लिए लालगढ़ निवासी बाबा कृष्णचंद को 25 हजार रुपये में सुपारी दे दी। वहीं गांव दस सरकारी निवासी युवक कुलदीप सिंह का भी लालगढ़ निवासी बाबा कृष्णचंद के पास आना-जाना था।
ऐसे में बाबा कृष्णचंद ने सतनाम सिंह से सुपारी लेकर कुलदीप सिंह के साथ मिलकर मलकीत सिंह की हत्या करने की योजना बनाई। पच्चीस दिसंबर की रात आरोपित कुलदीप सिंह ने मलकीत सिंह को फोन कर ट्रैक्टर संबंधी कोई काम बताते हुए माणकसर सर्किल पर बुलाया और उसे मोटरसाइकिल पर रघुनाथपुरा-गुडली के बीच घटनास्थल पर ले गया। जहां कुलदीप सिंह ने मलकीत सिंह की चाकू से गोदकर हत्या कर दी तथा शव रेत के नीचे दबा दिया।