चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद भी मरीजों को कई समस्याएं सामने आ रही हैं। जिसमें कोरोना से रिकवर हुए लोगों में खांसी, ब्लड पे्रशर घटना या बढऩा है। कई व्यक्तियों को सिर दर्द, कमजोरी, किडनी में दिक्कत, लीवर में परेशानी और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं सामने आई हैं।
इसको देखते हुए मरीजों को इधर-उधर इलाज के लिए भटकना पड़ता है। ऐसे में अब चिकित्सा विभाग के निर्देश पर राजकीय चिकित्सालय में ऐसे मरीजों के इलाज, काउंसलिंग व भर्ती करने के लिए पोस्ट कोविड क्लिनिक खोला गया है। राजकीय चिकितसालय के कमरा नंबर 18 में पोस्ट कोविड क्लिनिक की शुरूआत कर दी गई है। पोस्ट कोविड क्लिनिक को सुबह 9 से ओपीडी के रूप में संचालित किया जाएगा। जिससे मरीजों को कोई समस्या नहीं हो।
रखा जाएगा रेकॉर्ड
– पोस्ट कोविड क्लिनिक में आने वाले व्यक्तियों का पूरा रेकॉर्ड रखा जाएगा। जो प्रतिदिन कोविड प्रभारी या उपनियंत्रक को देना जरुरी होगा। इसके बाद यहां आने वाले मरीजों की जानकारी मेडिकल कॉलेज या अधिकारियों को उपलब्ध करानी होगी।
तीन दिन में बुलाया जाएगा मरीज
– कोरोना संक्रमण से नेगेटिव होने व रिकवरी के बाद मरीज को तीन दिन में फॉलोअप के लिए पोस्ट कोविड क्लिनिक पर बुलाया जाएगा। जहां यदि मरीज को कोई लक्षण दिखते हैं तो जांच कराई जाएगी। वहीं विशेषज्ञों से मरीज की जांच कराई जाएगी।
हर समय एक एमडी व एक आयुष चिकित्सक होंगे
– पोस्ट कोविड क्लिनिक पर मरीजों को देखने के लिए हर समय एक एमडी चिकित्सक व एक आयुष चिकित्सक रहेंगे। आयुष चिकित्सक को व्यायाम व योग के माध्यम से चिकित्सा आती हो। यहां मरीज का तापमान, बीपी, रेजिस्टें्रसी रेट, पल्स, ऑक्सीजन लेवल आदि रेकॉर्ड किए जाएंगे और यहीं उपकरण होंगे।
चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई
– पोस्ट कोविड क्लिनिक में डॉ. संदीप कौर को प्रभारी चिकित्सक लगाया गया है। वहीं डॉ. राजीव बिश्नोई को आयुष चिकित्सक लगाया है। इनके अलावा गगनदीप कौर एनसीबी काउंसलर व मीना शर्मा जीएसटी काउंसलर लगाई गई हैं। वहीं मल्टी डिसीप्लीनरी टीम में मेडिसिन विभाग प्रभारी डॉ. प्रेम अरोड़ा, मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक अरोड़ा व निश्चेतन विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक मोगा शामिल हैं।
इनका कहना है
– चिकित्सालय में कोरोना संक्रमण से रिकवर हुए मरीजों को आ रही समस्याओं को देखते हुए पोस्ट कोविड क्लिनिक शुरू किया है। जिसमें संक्रमण के बाद समस्या आने पर मरीजों की जांच व उपचार दिया जाएगा। इसके लिए वार्ड की भी व्यवस्था की गई है। ऐसे में रिकवरी के बाद परेशानी आने वाले मरीजों का लाभ मिलेगा।
– डॉ. केएस कामरा, पीएमओ राजकीय चिकित्सालय श्रीगंगानगर