इसके एवज में प्रति कुर्सी 7600 रुपए की दर से खरीदने के लिए ठेकेदारों से ऑनलाइन निविदा मांगी थी, इसे अब फाइनल किया जा रहा है। जिला मुख्यालय पर रंगीन कुर्सियां बनाने वाली फर्मो ने बाजार में इसका मूल्य 2450 रुपए प्रति कुर्सी दर से बेच रही है। ऐसे में प्रति कुर्सी 5150 रुपए मंहगी दर से खरीदने पर नगर परिषद के अभिंयताओं की ओर से बनाए गए एस्टीमेंट पर सवाल उठने लगे है। जिस दर पर एक कुर्सी की खरीद का दावा किया जा रहा है, बाजार में ये इस कीमत पर तीन कुर्सियां खरीद जा सकती है। नगर परिषद प्रशासन ने ग्राम पंचायतों की तर्ज पर आनन फानन में इस खरीद की प्रक्रिया अपनाई।
परिषद सभापति और आयुक्त ने 13 सितम्बर 2019 को चार कार्यो पर एक करोड़ 18 लाख 27 हजार रुपए का टैण्डर जारी किया था। इसमें ठेकेदार को ऑन लाइन निविदा देने की प्रक्रिया 14 से 24 सितम्बर 2019 तक समय अवधि में रखी, बुधवार को यह प्रक्रिया फाइनल होनी थी।
लेकिन कुछ पार्षदों ने इसका खरीद प्रक्रिया का विरोध कर दिया। इससे पहले बुधवार को अभियंताओं को परिषद परिसर में रहने के लिए पाबंद किया गया था ताकि वर्क ऑर्डर किए जा सके। लेकिन शिकायत आयुक्त के पास आई तो उन्होंने यह प्रक्रिया आगामी दिनों के लिए रोक दी।
नगर परिषद के जेईएन अमनदीप कौर, सहायक अभियंता सुखपाल कौर और एग्जुक्टिव इंजीनियर सुखपाल कौर के हस्ताक्षर युक्त बनाए गए इस एस्टीमेंट में एलईडी स्ट्रीट लाइट जिसकी क्षमता 110 से 120 वॉट, इसकी कीमत 12 हजार 469 रुपए प्रति लाइट तय की है।
इस लाइट के 200 पीस खरीदने के लिए टैण्डर मांगे है। इस 120 वॉट लाइट की बाजार में 4500 रुपए प्रति लाइट बताई जा रही है जबकि एलईडी स्ट्रीट लाइट 72 वॉट की 250 नग जिसकी कीमत 6650 रुपए प्रति लाइट की दर से खरीदने का प्रस्ताव लिया है। इस लाइट की बाजार में कीमत 3599 रुपए बताई जा रही है।
जिला परिषद ने माना था खरीद में गड़बड़ी
नगर परिषद कार्याल के सामने जिला परिषद प्रशासन ने इस रंगीन कुर्सियों की खरीद मामले की जांच कराई तो चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए थे।
यह मामला राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। जिला परिषद के सीईओ के आदेश पर गठित जांच कमेटी ने खुलासा किया कि 1549 कुर्सियों पर ग्राम पंचायतों के सरपंचों और ग्राम सचिवों ने एक करोड़ दो लाख रुपए का बजट खर्च कर दिया था।
जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिले की 336 में से 71 ग्राम पंचायतों में 1549 रंगीन कुर्सियों की खरीद हुई और इसके भुगतान के लिए संबंधित ग्राम पंचायतों ने 1 करोड़ 2 लाख 42 हजार 182 रुपए का बजट खर्च किया गया है। इस हिसाब से औसतन की एक कुर्सी की कीमत 6612 रुपए आंकी गई है। जबकि यही कुर्सी बाजार में लोगों ने संबंधित फर्मो से महज 2400 से लेकर 2500 रुपए प्रति कुर्सी की दर से खरीदी है।
यह सही है कि निकाय चुनाव की आचार संहिता से पहले अब नगर परिषद में भ्र्रष्टाचार करने के लिए बाजार से तीन गुणे दामों पर रंगीन कुर्सियां, एलईडी और फेरोकवर खरीदने की साजिश की गई है। गुपचुप तरीके से हुए इस टैण्डर में रंगीन कुर्सियां के दाम सुनकर हैरानी हो रही है। इस भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं किया जाएगा।
– डा.भरतपाल मय्यर, पार्षद
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यह सही है कि ऑनलाइन टैण्डर के माध्यम से रंगीन कुर्सियां, एलईडी और फेरो कवर की खरीद करनी है। इनके दाम जितने बताए गए है वे उचित नहीं प्रतीत होते। इस संबंध में जिला परिषद में हुई खरीद के संबंध में गाइड लाइन मांगी गई है। जब तक न्यायोचित दाम नहीं आएंगे तब तक टैण्डर को फाइनल नहीं किया जाएगा।
– प्रियंका बुडानिया, आयुक्त नगर परिषद