scriptधरतीपुत्रों ने दो साल पहले डिग्गी निर्माण किया, अभी तक नहीं मिली राशि | Prithvi Putra built Diggi two years ago, no amount has been received | Patrika News

धरतीपुत्रों ने दो साल पहले डिग्गी निर्माण किया, अभी तक नहीं मिली राशि

locationश्री गंगानगरPublished: Jun 07, 2020 08:29:40 am

Submitted by:

Krishan chauhan

-जिले के 2441 किसानों की साढ़े 71 करोड़ रुपए की राशि अटकी
-इस कारण दो वर्ष से जिले में एक भी डिग्गी निर्माण का लक्ष्य ही नहीं मिला

धरतीपुत्रों ने दो साल पहले डिग्गी निर्माण किया, अभी तक नहीं मिली राशि

धरतीपुत्रों ने दो साल पहले डिग्गी निर्माण किया, अभी तक नहीं मिली राशि

धरतीपुत्रों ने दो साल पहले डिग्गी निर्माण किया, अभी तक नहीं मिली राशि


-जिले के 2441 किसानों की साढ़े 71 करोड़ रुपए की राशि अटकी

-इस कारण दो वर्ष से जिले में एक भी डिग्गी निर्माण का लक्ष्य ही नहीं मिला
कृष्ण चौहान

श्रीगंगानगर. जिले की अर्थव्यवस्था सिंचाई पानी व खेतीबाड़ी पर टिकी है। जल प्रबंधन में श्रीगंगानगर जिला सिरमौर रहा है। पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए डिग्गी निर्माण पर धरतीपुत्रों का फोकस रहा है। भाजपा की सरकार में वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में श्रीगंगानगर जिले के किसानों ने 2441 डिग्गियों का निर्माण किया। धरतीपुत्रों ने पहले खुद के पल्ले से एक बार राशि लगाकर डिग्गी निर्माण पूरा किया। लेकिन पिछले दो साल से धरतीपुत्रों को अनुदान की राशि नहीं मिल रही है।
कृषि विभाग की तरफ किसानों के 71 करोड़ 48 लाख 45 हजार 350 रुपए की राशि अटकी हुई है। अब लॉकउाउन में किसान की माली हालात खराब है। पिछले दो वर्ष से श्रीगंगानगर जिले में डिग्गी निर्माण के लिए विभाग से कोई लक्ष्य ही नहीं मिला है। इस कारण जल प्रबंधन पर जिले में काम ठप होकर रह गया।
सरकार बदली तो अटकी राशि
राज्य में पहले भाजपा की सरकार थी और इसके बाद राज्य में कांग्रेस की नई सरकार आ गई। अब राज्य सरकार से डिग्गी अनुदान के लिए राज्य व केंद्र सरकार से अनुदान नहीं मिला। धरतीपुत्र अनुदान के लिए कभी जिला प्रशासन के तो कभी कृषि विभाग के ऑफिस व अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
कुछ राशि मिली थी, वो लॉकडाउन में अटकी

राज्य सरकार ने 13 मार्च 2020 को डिग्गी अनुदान के रूप में कृषि विभाग को 21 करोड़ 12 लाख रुपए की राशि आवांटित की थी। किसान को उम्मीद जगी थी कि अब तो अनुदान की राशि मिल जाएगी। कृषि विभाग ने जिलाकोष कार्यालय में 19 मार्च को बिल भेज दिए। इसके बाद कोविड-19 की माहामारी में लॉकडाउन लग गया और धरतीपुत्रों का भुगतान बीच में ही अटक गया। लॉकडाउन की वजह से राज्य सरकार आर्थिक मंदी में है। इस कारण कोष कार्यालय को फंड जारी की प्रक्रिया बीच में रह गई।
डिग्गी निर्माण का क्या था उद्देश्य
पानी की प्रत्येक बूंद की कीमत को समझते हुए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनाई गई। इसका मुख्य उद्देश्य हर खेत को पानी मिले। इसका फोकस जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर है ताकि बाढ़ और सूखे के आवेग से होने वाले नुकसान की रोकथाम की जा सके। ऐसा करने से उपलब्ध संसाधनों का कुशल उपयोग हो सकेगा और साथ ही किसानों को अधिक पैदावार मिलेगी।
किसान को डिग्गी से क्या है फायदा
-नहर के अतिरिक्त पानी को एकत्र किया जा सकता है।

-जब भी जरूरत हो, इस पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है।
-पशुओं के लिए पानी हमेशा उपलब्ध रहेगा।
-कम पानी से अधिक क्षेत्र में सिंचाई पानी संभव है।
-नहर के पानी पर निर्भरता कम होगी,फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी।

कब हुआ डिग्गी निर्माण 2018-19
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

कृषि उपजिले डिग्गी निर्माण
श्रीगंगानगर 818
सादुलशहर 514
श्रीकरणपुर 110

रायसिंहनगर 403
अनूपगढ़ 596

कुल 2441
-बकाया राशि-71 करोड़ 48 लाख 45 हजार 350

….

जल प्रबंधन के नाम पर किसानों से डिग्गी का निर्माण करवा लिया और अब पिछले दो साल से किसानों को डिग्गी निर्माण के बाद अनुदान की राशि का भुगतान नहीं किया रहा है। इस कारण इलाके का किसान परेशान है।
-सत्य नारायण गोदारा, प्रांत उपाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ।
केंद्र सरकार से राज्य सरकार को इस योजना में फंड नहीं मिल रहा है। इस कारण राज्य सरकार डिग्गी अनुदान की राशि नहीं दे पा रही है। दो साल से जिले का किसान परेशान है। मैं भी बार-बार मांग उठा रहा हूं। लेकिन लॉकडाउन से पहले राज्य सरकार से कुछ राशि मिली थी वो लॉकडाउन में बीच में ही अटक गई।
-डॉ. जीआर मटोरियां, उप निदेशक कृषि (विस्तार) श्रीगंगानगर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो