जिला प्रशासन ने पटवारियों से उनके पटवार हल्के में कृषि भूमि पर अकृषि कार्य नहीं होने के संंबंध में शपथ पत्र मांगा तो पटवारियों में खलबली मच गई। कुंडली खुलने से पहले ही इन पटवारियों ने राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 177 और 212 के तहत इलाके में साठ बीघा कृषि भूमि पर बिना अनुमति काटी गई कॉलोनियों के भूमि खातेदारों को पक्षकार बनाते हुए कोर्ट में इस्तगासा दायर किए हैं।
इस पर एसडीएम ने भूखंडों की खरीद फरोख्त की प्रक्रिया रोकने के लिए तत्काल स्टे ऑर्डर जारी किया है। उपखंड अधिकारी रतनू ने बताया कि स्टे ऑर्डर जारी होने से उन लोगों को फायदा मिलेगा जिनको कॉलोनाइजर और प्रोपर्टी डीलर सस्ते दामों पर भूखंड की खरीद कराने के लिए बरगलाते हैं। सस्ते भूखंड का सब्जबाग दिखाकर समुचित सुविधा नहीं होने पर संबंधित खरीदार भूखंड खरीदने के उपरांत अपनी जमा पूंजी गंवाने पर फिर से चक्कर कटाता है।
9 जैड और 7 जैड में काटी 11 कॉलोनी
सस्ते भूखंड दिलाने का सब्जबाग दिखाकर कॉलोनाइजरों ने जमकर मुनाफा कमाया लिया है। इन कॉलोनाइजरों ने खेतों में ही किसानों से सस्ती भूमि खरीद कर रातोरात कॉलोनी का रूप देकर भूखंंड बेच डाले। जिन सोलह कॉलोनियों पर स्टे जारी किया गया है, उसमें सबसे Óयादा कॉलोनियां चक 9 जैड और चक 7 जैड में कुल 11 अवैध कॉलोनियां शामिल है।
वहीं 3 बी बड़ी में एक कॉलोनी, 3 बी छोटी में तीन कॉलोनी और चक 11 एलएनपी में एक कॉलोनी भी बिना अनुमति काटी गई थी, इन सभी कॉलोनियों के भूखंडों की खरीद फरोख्त पर स्टे जारी किया है।
चक 9 जैड के मुरब्बा नम्बर 18, 4, 13,18,चक 7 जैड के मुरब्बा नम्बर 54, 6 से 15 तक, 4, 47,चक 3 पी बडी के मुरब्बा नम्बर 8, चक 3 बी छोटी के 52, 23, 53 और चक 11 एलएनपी के मुरब्बा नम्बर 14 में कई हेक्टेयर भूमि पर खरीद फरोख्त पर रोक लगाई है। एसडीएम ने बताया कि अन्य चकों पर काटी गई अवैध कॉलोनियों की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। इधर, तहसीलदार ने अभी चक 3 वाई और चक 4 जी में काटी गई दो अवैध कॉलोनियों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है, यह रिपोर्ट अब मंगलवार तक एसडीएम कार्यालय में पेश होगी।