इस मौके पर समिति के वरिष्ठ सदस्यों ने बताया कि जब तक अनूपगढ़ के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के रिक्त पद भरे नहीं जाते, तब तक शहर के युवाओं का यह संघर्ष एवं धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शहर के कुछ संगठनों तथा युवाओं ने अस्पताल में डॉक्टर लगाने की मांग के अलावा अस्पताल में व्यवस्थाओं में सुधार की मांग को भी प्रमुखता से उठाया है तथा अस्पताल की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जाएगी तथा मरीजों को राज्य सरकार की ओर मिलने वाली चिकित्सा सुविधाओं को लेकर भी समिति सजग रहेगी।
समिति के सदस्यों ने बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा लगाए चिकित्सकों ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया है लेकिन अभी भी महिला रोग विशेषज्ञ जनरल मेडिसीन तथा सर्जन का इंतजार है। चिकित्सा विभाग ने आश्वासन दिया है कि बुधवार तक दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर बुधवार को चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की गई तो आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी।
शहर के सरकारी अस्पताल के बाहर अस्पताल बचाओ समिति के सदस्यों, विभिन्न व्यापारीक संगठनों के प्रतिनिधियों और आमजन की तरफ से लगाया जा रहा धरना सोमवार को भी जारी रहा। धरना स्थल पर समिति के अग्रणी कार्यकर्ता पार्षद सुखविन्द्र मक्कड़ के अलावा दीपक अग्रवाल, बीरबल चुघ, बीएस ढिल्लो, गौरव कोठारी, गंगा बिशन सेतिया, सुमित ङ्क्षसगल, भगवान दास नागपाल, सुभाष बोयत तथा सतीष नागपाल सहित शहर के अनेक युवाओं ने सरकारी अस्पताल में लंबे समय से चल रही डॉक्टरों की कमी के मुद्दे को पीड़ादायक बताते हुए प्रशासन एवं राज्य सरकारों के प्रति रोष व्यक्त किया।