समिति के संयोजक महेश पेड़ीवाल, सह संयोजक रमजान अली चौपदार एवं सुरेंद्र पारीक ने अभी तक किए गए प्रयास का विस्तृत ब्यौरा दिया और सभी से इसी तरह एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया। संगरिया की शबनम गोदारा एवं नवीन सेठी ने नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (
National Green Tribunal ) (एनजीटी) में की गई कोशिश की जानकारी दी और इस बारे में होने वाली कार्रवाई पर पूरी नजर रखने की अपेक्षा जताई।
प्रधानमंत्री कार्यालय पोस्टकार्ड भेजने, हस्ताक्षर अभियान चलाने सहित कई सुझाव दिए गए (
SriGanganagar News )। समिति के संरक्षक भूरामल स्वामी, तरसेम गुप्ता, यूआइटी के पूर्व अध्यक्ष संजय महिपाल, सामाजिक कार्यकर्ता अमरचंद बोरड़, नगर परिषद के पूर्व उप सभापति नरेश अग्रवाल मुन्ना, देशवीर सिंह गौड़, पीलाबंगा नगर पालिका के अध्यक्ष राजकुमार फण्डा, पूर्व उपाध्यक्ष अरविन्द जोशी, श्रीकरणपुर पालिका के पूर्व अध्यक्ष जुगलकिशोर सैन, केसरीसिंहपुर के राजू सचदेवा, अनूपगढ़ की प्रियंका बैलाण नागपाल, हनुमानगढ़ के देवेंद्र पारीक, सूरतगढ़ के शरणपाल सिंह, सादुलशहर के रविंद्र मोदी, पदमपुर के राजकुमार मिगलानी सहित काफी जने बैठक में मौजूद थे।
-पाकिस्तान से अधिक गम्भीर मामला
शबनम गोदारा ने कहा कि दूषित जल का मामला पाकिस्तान की नापाक हरकतों से अधिक गम्भीर है, यह जन-जीवन से जुड़ा है। कई अन्य वक्ताओं ने भी कहा कि जल के आंदोलन को जन-जन का आंदोलन बना कर इसे सफल करना चाहिए। जन संघर्ष समिति की ओर से 9 अगस्त को श्रीगंगानगर में रखे गए महापड़ाव की चर्चा भी हुई।