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इन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी पंजाबी भाषा लेना चाहता है, उस विद्यालय में पंजाबी विषय का अध्यापक नहीं होने के कारण उसे अन्य भाषा लेने पर विवश किया जाता है जो कि पंजाबी लोगों के साथ अन्याय है। । अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष गुरजंट सिंह ने बताया कि गंगानगर के सूरतगढ़, अनूपगढ़, श्रीबिजयनगर तथा घड़साना ब्लॉक में मिडिल स्कूलों में एक भी पंजाबी का अध्यापक नहीं है तथा अन्य ब्लॉक में भी आधे से ज्यादा सीटें खाली है। । जबकि यह क्षेत्र पूर्णतया पंजाबी बाहुल्य क्षेत्र है।
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जलंधर सिंह तूर ने कहा कि भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों के अनुसार प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपनी मातृ भाषा में शिक्षा गृहण करने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन यहां विद्यार्थियों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। । बैठक के अंत में 21 सदस्यीय कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया कि यह कमेटी राजस्थान के सभी पंजाबी बाहुल्य जिलों के सरकारी विद्यालय में पंजाबी विषय को लागू करने के लिए राजस्थान सरकार के समक्ष अपनी मांग रखेगी।