रसद विभाग जिन राशन डीलरों के लंबे अवकाश पर जाने या उनकी शिकायतों के आधार पर लाइसेंस निलम्बित किए जाने या निरस्त किए जाने का हवाला देकर लंबी दूरी के दुकानदार को राशन सामग्री वितरण देने के लिए अधिकृत किया जाता है।
इससे उन उपभोक्ताओं को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है जिनको दूसरे वार्डो में जाकर डीलर से राशन सामग्री प्राप्त करनी होती है। इस संबंध में कई बार शिकायतें आने के बावजूद रसद विभाग पुराने ढर्रे पर चल रहा है। यहां सैंकड़ों उपभोक्ता हर महीने परेशान इलाके के वार्ड 44 और 45 में जवाहरनगर सैक्टर छह, सात, आठ, एकता कॉलोनी, जोगिन्द्र कॉलोनी, राजपूत कॉलोनी, जिन्दल कॉलोनी, संजय कॉलोनी आदि एरिया के सैंकड़ों राशन उपभोक्ताओं को हर महीने लक्ष्मीनगर स्थित उचित मूल्य की दुकान पर जाना पड़ता है।
इन दोनों वार्डो में दो डीलर थे जिसमें एक की मृत्यु हो गई और दूसरा लंबी छुट्टी पर चला गया। नजदीक एरिया की बजाय अधिक दूरी वाले डीलर ने राजनीतिक एप्रोच करवाकर रसद विभाग से राशन सामग्री बांटने का अतिरिक्त चार्ज हासिल कर लिया।
इस कारण हर महीने सैंकड़ों उपभोक्ताओं को इस कार्यवाहक डीलर से माथापच्ची करनी पड़ती है। राशन सामग्री के लिए टैम्पों वाले को किराया तक चुकाना पड़ता है। उपभोक्ता नरेश कुमार ने रियायती गेहूं के एवज में साठ रुपए डीलर को दिए और पचास रुपए टैम्पों वाले को किराया चुकाया गया। नरेश जैसे कई उपभोक्ताओं को हर महीने राशन सामग्री डीलर की दुकान से अपने घर तक लाने के लिए किराये के रूप में जेब ढीली करनी पड़ रही है।
इधर, रसद विभाग के रिकार्ड के अनुसार 33 डीलरों को छुट्टी मिली हुई है। इसमें कई निलम्बन तो कोई लाइसेंस निरस्त करने वाले डीलर भी है। रसद विभाग का दावा है कि संबंधित डीलर फिर से अपनी जांच की प्रक्रिया पूरी करवाकर वापस दुकानदारी शुरू करते है।
जबकि निरस्त हुए लाइसेंस को अदालत में चुनौती देकर लाइसेंस बहाल कराया जाता है। एक दुकानदार का कहना है कि फिलहाल इन दिनों सख्ती अधिक होने के कारण वे लंबी छुट्टी पर है जैसे ही स्थिति सामान्य हो जाएगी तो वापस लौट आएंगे।
इस बीच जवाहरनगर सैक्टर सात वार्ड 44 की बुजुर्ग रानी देवी को अपना राशन लेने के लिए अपने वार्ड की बजाय पांच वार्ड दूर वार्ड 48 स्थित उचित मूल्य की दुकान पर पहुंचना पड़ता है। वहां राशन सामग्री नही होने के कारण दो दिन बाद फिर से आने की बात कही जाती है।
एेसे बुजुर्ग उपभोक्ता कई है जिनको अपने वार्ड में राशन सामग्री नहीं मिल रही। यहां स्थित उचित मूल्य दुकानदार रसद विभाग से लंबी छुट्टी लेकर चला गया है। यही स्थिति वार्ड 45 की है।
यहां के बुजुर्ग और महिला उपभोक्ताओं को सरकारी राशन सामग्री के लिए पांच वार्ड दूरी पर स्थित उचित मूल्य की दुकान पर जाकर मिन्नतें निकालनी पड़ती है। बुजुर्ग महावीर का कहना है कि उनके एरिया के डीलर की मृत्यु के उपरांत रसद विभाग ने यह डिपो पांच वार्ड दूर पर स्थित दुकानदार को अधिकृत कर दिया था। इस कारण वहां तक आवाजाही में धन और समय दोनों खर्च हो रहे है।
उधर, नेहरानगर के कई उपभोक्ताओं को अपना राशन लेने के लिए रामदेव कॉलोनी स्थित उचित मूल्य दुकानदार के पास भिजवाया जा रहा है। इन दोनों कॉलोनियों के बीच दूरी करीब डेढ़ किमी है। इस कारण हर महीने उपभोक्ता रसद विभाग को कोसने को मजबूर है। लेकिन रसद विभाग ने उनके ही एरिया में उचित मूल्य की दुकान नहीं खुलवाई है।