नोडल एजेंसी आरयूआईडीपी की ओर से ठेका कंपनी ने विद्युत नगर में सडक़ निर्माण में गुणवत्ता की भी अनदेखी की गई है। कंकरीट और कोलतार का मिश्रण सही नहीं होने से सडक़ अभी से उखडऩे लगी है। बरसात के मौसम में सडक़ में लगी निर्माण सामग्री बह जाएगी।
इस सडक़ का अस्तित्व हीं नहीं बच पाएगा। दूसरी ओर से आरयूआईडीपी ने गुणवत्ता की कमी से टूटी या बिखरी सडक़ों का पुन: निर्माण कराने का दावा किया है। विद्युतनगर के बांशिदों का कहना है कि सरकार की कोई जांच एजेंसी इसकी निष्पक्षता से जांच करें तो हकीकत सामने आ सकती है।
इसकी शिकायत विधायक राजकुमार गौड़ तक पहुंची तो उन्होंने आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता से पूरी रिपोर्ट तैयार कर जांच के निर्देश दिए। अब तक इस कॉलोनी में सडक़ की जांच नहीं हो पाई है।
इधर, इस कॉलोनी के बांशिदे राजेश चांडक का कहना था कि कॉलोनी में बनाई गई नई सडक़ में एकाएक बिखराव आने पर आरयूआईडीपी को शिकायत की थी। इस पर आरयूआईडीपी के अधीक्षण अभियंता जसंवत खत्री जांच के लिए मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना भी किया।
यहां तक कि लोगों की शिकायतों को नोट भी किया लेकिन जांच आगे नहीं सरकी। डेढ़ साल बाद सडक़ों का निर्माण इस इलाके में करीब डेढ़ साल पहले सीवर पाइन लाइन बिछाने के लिए खुदाई की गई थी।
लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है लेकिन करीब डेढ़ साल से सडक़ों का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। जबकि आरयूआईडीपी का कहना है कि यह इलाका नगर परिषद की बजाय ग्राम पंचायत क्षेत्र में आता है।
ऐसे में नगर परिषद क्षेत्र में सीवर और पेयजल दोनों पाइप लाइन बिछाई जाती है जबकि पंचायत क्षेत्र में सिर्फ सीवर लाइन बिछाने का ही अनुबंध है।