सभा को एटक के प्रदेश उप महासचिव बजरंग लाल शर्मा, सीटू के रघुवीर बारहठ, बीजेएमएम के नरेन्द्र यादव, रामेश्वर ढाका, तारासिंह, नरेन्द्र यादव, महेन्द्र गुप्ता, सतीश बेदी, जसविन्द्र सिंह बुट्टर आदि ने संबोधित किया। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार रोडवेज का निजीकरण करने में लगी हुई है। रोडवेज विरोधी नीतियों और विभिन्न स्तरों पर कुप्रबंधन के कारण रोडवेज के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा पहले चरण में 9 से 13 अप्रेल तक धरने दे चुका है। दूसरे चरण में तीन मई को राज्य सरकार की रोडवेज विरोधी और श्रमिक विरोधी नीतियों के पुतले फूंक चुके हैं।
मांगें मनवाने के लिए आंदोलन के चौथे चरण में 5 जुलाई को
जयपुर में रोडवेज कर्मियों की प्रदेश स्तरीय रैली होगी। संयुक्त मोर्चे के प्रवक्ता सीटू अध्यक्ष जसवंत सिंह बुट्टर ने बताया कि मांगे न मानने पर 5वें चरण में 25 व 26 जुलाई को प्रदेशव्यापी हड़ताल कर रोडवेज का जाम किया जाएगा। एटक के शाखा सचिव बूटा सिंह ने आरोप लगाया कि लोक परिवहन की बसों को परमिट दिए जाने के बाद रोडवेज की नई बसें नहीं खरीदी जा रही हैं। इससे रोडवेज को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।