एसएचओ ने बताया कि इस महंत के सिर पर किसी लकड़ी के डंडे से प्रहार कर हत्या करने की बात सामने आई है। इस संबंध में डेरे से जुड़े लोगों से पूछताछ की गई है। श्रीकरणपुर के पुलिस उपअधीक्षक बीएल मीणा ने बताया कि मृतक के बारे में जानकारी जुटाई है।
मंदिर में देर रात को किसी के आने के बारे में डेरे के सेवादारों से फीडबैक लिया। इस साधु का किसी से विवाद था या नहीं, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। वारदात स्थल पर भवन निर्माण का काम चल रहा था, वहां मिस्त्री और मजदूरों का ब्यौरा मांगा गया है। जिला मुख्यालय से वारदात स्थल पर फोरेंसिक टीम पहुंची।
इसके बाद पोस्टमार्टम के उपरांत शव ग्रामीणेां और संत समाज के लोगों को सुपुर्द किया गया। इस बीच, तारागढ़ दरबार बींझबायला के महंत जीतनाथ की रिपोर्ट पर घमूड़वाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
गांव के चन्द्रमागढ़ दरबार डेरे के महंत लखीनाथ की हत्या का खुलासा शुक्रवार को सुबह करीब साढ़े आठ बजे उस समय पता चला तब ग्रामीण गायों को चारा डालने गए थे। इस वारदात से संत समाज में रोष फैल गया। इस डेरे में शिव मंदिर और गौशाला भी है।
मृतक मूल रूप से हरियाणा के दादरी जिले के बीडीकलां गांव का था। सरपंच पति हंसराज बामणिया ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ सुबह जब गायों को चारा डालने के लिए आया तो वहां महंत के कक्ष से खून पसरा हुआ था। दरवाजा खोलकर देखा तो वहां महंत अपने लकड़ी के तख्त पर खून से लथपथ थे। इस कक्ष का सामान बिखरा हुआ पड़ा था।
फतूही गांव स्थित वैदिक कन्या गुरुकुल ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी सुखानंद, बींझबायला स्थित तारागढ़ दरबार के महंत जीतनाथ सहित कई संतों ने इस हत्या की वारदात के आरोपियों की अविलम्ब गिरफ्तारी की मांग की। इस दौरान पुलिस अधिकारियों के आश्वासन पर संत समाज और ग्रामीणों ने सहमति दी।
इसके बाद पोस्टमार्टम करवाकर शुक्रवार शाम करीब सवा पांच बजे गमगीन माहौल में महंत को समाधि दी गई। इस मौके पर पूर्व सरपंच सतपाल मांझू, महंत कृष्णनाथ, महेन्द्र बुडि़या आदि ग्रामीण मौजूद थे।