यह वर्कशॉप लालगढ़ जाटान में बालाजी हीरो होण्डा वर्कशॉप के नाम से है। शनिवार को जैसे ही इस सरपंच ने परिवादी हरदीप सिंह से रिश्वत की राशि साढ़े चार हजार रुपए लेकर अपनी पेंेट में डाली तो वहां एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया। उसकी पेंट से रिश्वत की राशि बरामद कर उसे गिरफ्तार किया है। एडशिनल एसपी डिढारिया ने बताया कि परिवादी हरदीप सिंह ने एसीबी में शिकायत की थी। इसमें बताया कि उसे पिता जीत सिंह के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना में तहत मकान बनाने के लिए चयन किया गया था।
इस चयन होने पर पंचायत समिति प्रशासन ने १ लाख ४७ हजार रुपए की राशि अनुदान देने के लिए स्वीकृति दी थी। प्रथम किस्त के रूप में तीस हजार रुपए उसके पिता के बैंक खाते में जमा भी हो गए। इस योजना में मकान का निर्माण भी शुरू हो गया लेकिन दूसरी किस्त आने से पहले ही उसके पिता की मृत्यु हो गई। एेसे में अनुदान राशि के लिए उसने सरपंच से संपर्क किया। सरपंच ने वारिस प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज बनने के बाद दूसरी और तीसरी किस्त मिलने की बात कही।
उसने सरपंच से पंचायत समिति से सभी दस्तावेज बनाने के लिए बात कर ली, उससे दो हजार रुपए रिश्वत के लिए भी लेकिन बाद में दस्तावेजों का सत्यापन करने के एवज में साढ़े चार हजार रुपए की मांग करने लगा। लेनदेन की बात होने पर उसने साढ़े चार हजार रुपए देना स्वीकार कर लिया। उसने यह शिकायत एसीबी से कर दी। शिकायत का सत्यापन होने पर शनिवार को रिश्वत की राशि लेने के लिए सरपंच खुद ही उसकी लालगढ़ जाटान स्थित वर्कशॉप दुकान पर पहुंच गया। वहां पहले से एसीबी टीम ने रिश्वत लेते ही काबू कर लिया।
नहीं लिया सबक
पिछले साल चूनावढ़ के सरपंच को भी एसीबी की टीम ने काबू किया था। उस सरपंच ने गांव के ही एक व्यक्ति से दस्तावेजों का सत्यापन करने के एवज मे खुद ही रिश्वत की मांग कर दी थी, अगले रोज जब परिवादी रिश्वत की राशि लेकर गया तो वहां एसीबी की टीम ने सरपंच को काबू कर लिया था। इस प्रकरण से अन्य सरपंचों ने सबक नहीं लिया।
पिछले साल चूनावढ़ के सरपंच को भी एसीबी की टीम ने काबू किया था। उस सरपंच ने गांव के ही एक व्यक्ति से दस्तावेजों का सत्यापन करने के एवज मे खुद ही रिश्वत की मांग कर दी थी, अगले रोज जब परिवादी रिश्वत की राशि लेकर गया तो वहां एसीबी की टीम ने सरपंच को काबू कर लिया था। इस प्रकरण से अन्य सरपंचों ने सबक नहीं लिया।