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पिता का सपना पूरा कर एडीजे बनी सरोज चौधरी की सड़क हादसे में मौत

locationश्री गंगानगरPublished: May 16, 2022 05:27:38 pm

Submitted by:

Raj Singh

कस्बे के अपर जिला एवं सेशन न्यायायल संख्या एक की न्यायिक मजिस्ट्रेट सरोज चौधरी पत्नी नवरंग चौधरी की सोमवार को एक सडक़ हादसे में मौत हो गई।

road accidentपिता का सपना पूरा कर एडीजे बनी सरोज चौधरी की सडक़ हादसे में मौत

road accidentपिता का सपना पूरा कर एडीजे बनी सरोज चौधरी की सडक़ हादसे में मौत

अनूपगढ़. कस्बे के अपर जिला एवं सेशन न्यायायल संख्या एक की न्यायिक मजिस्ट्रेट सरोज चौधरी पत्नी नवरंग चौधरी की सोमवार को एक सडक़ हादसे में मौत हो गई। पुग्गल थाना क्षेत्र के गांव जालवाली एवं नूरसर के बीच बोलेरो एवं कार की हुई आमने-सामने टक्कर में कार सवार सरोज चौधरी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया तथा इस हादसे में दोनों वाहनों में सवार चार जनों में से 3 गंभीर घायल हो गए। जिनका उपचार बीकानेर के अस्पताल में चल रहा है। एडीजे चौधरी की कार चलाने वाले अनूपगढ़ कोर्ट के कर्मचारी की हालात भी गंभीर बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार चौधरी का नियमित ड्राइवर की पुत्री का पेपर होने के कारण वह अवकाश के चलते जयपुर गया हुआ था। एडीजे चौधरी को निजी कार्य होने के कारण उन्होंने अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या-2 के लिपिक विक्रांत को अपने साथ चलने के लिए कहा। गौरतलब है कि लिपिक विक्रांत भी कुछ समय पूर्व ही घड़साना कोर्ट से स्थानातंरित होकर कस्बे में आया था। इस हादसे में उसकी भी रीढ़ की हड्डी टूट जाने के कारण हालात गंभीर बताई जा रही हैं।

कार्यशैली के चलते 20 वर्ष की नौकरी में तरक्की भी मिली
एडीजे की सडक़ हादसे में मौत की सूचना पर कोर्ट परिसर में शोक की लहर छा गई। गौरतलब है कि सरोज चौधरी ने बार एवं बेंच के मध्य मधुर संबंध बनाए थे। एडीजे चौधरी के पिता बीकानेर में लॉ कॉलेज के लेक्चरर है, पिता का सपना पूरा करने के लिए चौधरी ने उन्हीं के कॉलेज में लॉ की पढ़ाई पूरी की।
जिसके बाद एक मजिस्ट्रेट के रूप में अगस्त 2002 में न्यायिक क्षेत्र में ज्वाइन किया। इसके बाद 9 अगस्त 2017 को वह एडीजे बनी और पिछले लगभग एक वर्ष से वह कस्बे के अपर जिला एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-एक में एडीजे के रूप में कार्य कर रही थी। इसी के साथ नवसृजित एडीजे कोर्ट संख्या-दो का अतिरिक्त चार्ज भी इन्हीं के पास था। एडीजे चौधरी मूलत: वैशालीनगर जयपुर की निवासी है और बीकानेर में इनका पीहर हैं।
उनके रोहित व हेमंत दो पुत्र है, एक पुत्र ने दो दिन पूर्व एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। हादसा होने के कारण एडीजे चौधरी अपने पुत्र की सफलता पर उन्हें मिलकर शुभकामनाएं भी नहीं दे पाई। बताया जाता है कि पारिवारिक कारणों के चलते एडीजे चौधरी सोमवार को बीकानेर जा रही थी।

अधिवक्ताओं ने जताया शोक, बताया न्यायायिक जगत में बड़ा आघात
सडक़ हादसे की सूचना कस्बे के न्यायलय में अधिवक्ताओं को पता चलने पर सभी ने इस घटना के प्रति दुखद संवेदनाएं प्रकट की। बार संघ अध्यक्ष रमेश सारस्वत ने कहा कि इस घटना से सभी अधिवक्ता स्तब्ध है। सूचना मिलते ही सभी अधिवक्ताओं ने कार्य नहीं किया।
उन्होंने यह न्यायिक जगत के लिए बहुत बड़ा आघात बताया। अधिवक्ता तिलकराज चुघ ने कहा कि लोगों राहत दिलाने के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं। लोक अदालतों के माध्यम से अनेक मामलें राजीनामा के माध्यम से निपटाने में अहम भूमिका निभाई हैं। अधिवक्ता पुरषोत्तम आहूजा सहित अन्य अधिवक्ताओं ने बताया कि घटना के शोक स्वरूप मंगलवार को 2 मिनट का मौन रखकर कार्य स्थगित किया जाएगा।

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