इस आंदोलन से कोर्ट परिसर और कलक्ट्रेट में वसीकानवीस और अराजनवीस ने भी समर्थन करते हुए कामकाज ठप रखा। इस कारण दोनों कैम्पस में सुबह से दोपहर तक सन्नाटा पसरा रहा। इस बीच, बार संघ अध्यक्ष सीताराम बिश्नोई ने बताया कि एडीएम कोर्ट का बहिष्कार बेमियादी जारी रहेगा। जब तक सरकार एडीएम प्रशासन को एपीओ नहीं करती तब तक यह बहिष्कार जारी रहेगा। बिश्नोई के अनुसार पूरे जिले में दृषित पानी की समस्या को लेकर अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाज का बहिष्कार सहयोग किया है। इस मुददे पर अब सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक आदि संगठनों का सहयोग लेकर जागरूकता की मुहिम चलाएंगे।
यह मामला गंभीर है। इसके लिए सामूहिक प्रयासों से समस्या का समाधान हो सकेगा। इससे पहले कोर्ट परिसर और बार संघ सभागार में हुई बैठक के दौरान बार संघ के पूर्व अध्यक्ष चरणदास कम्बोज, जसवीर सिंह मिशन, पूर्व सचिव जिन्द्रपाल सिंह भाटिया जौली, जितेन्द्र बैरच, विपिन सिद्ध, ओम रावल, विक्रम गोदारा, कुलवंत सिंह संधू, अंग्रेज सिंह वाल्ला, राजकुमारी जैन आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।
इधर, बार संघ के वर्क सस्पैण्ड का असर उन लोगों पर भी पड़ा जो किसी न किसी कार्य के लिए कलक्ट्रेट आए थे। कई लोगों को शपथ पत्रों और अन्य दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए नोटरी पब्लिक नहीं मिले। वहीं कलक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए लोग अर्जियां लिखवाने के लिए कम्पयूटर ऑपरेटरों के यहां पहुंचे लेकिन वहां ताला मिला।
इधर, बार संघ के वर्क सस्पैण्ड का असर उन लोगों पर भी पड़ा जो किसी न किसी कार्य के लिए कलक्ट्रेट आए थे। कई लोगों को शपथ पत्रों और अन्य दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए नोटरी पब्लिक नहीं मिले। वहीं कलक्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए लोग अर्जियां लिखवाने के लिए कम्पयूटर ऑपरेटरों के यहां पहुंचे लेकिन वहां ताला मिला।