जिला कलक्टर ने कहा कि जिले में रास्तों के 235 प्रकरण लंबित हैं। इनका शीघ्र निस्तारण हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रास्ता किसान के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन जाता है। कई बार वह अवैध रूप से दूसरे खेत में रास्ता बनाता है। विवाद के चलते कई बार उसकी जान तक चली जाती है। एेसे में सभी उपखंड अधिकारी तहसीलदार के माध्यम से रिपोर्ट मंगवाकर प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करें। उन्होंने अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि रास्ता प्रकरण में संबंधित गिरदावर से रिपोर्ट मंगवाकर 10 दिन में निस्तारण हो जाना चाहिए।
इन प्रकरणों को प्राथमिकता से निपटाने की हिदायत
इन प्रकरणों को प्राथमिकता से निपटाने की हिदायत
जिला कलक्टर ने मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्र, राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग से संबंधित मामले और एसीबी से संबंधित प्रकरणों का शत-प्रतिशत निस्तारण के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि ये मामले नहीं निपटे तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होगा।
उपखंडों को 11-11 लाख मिले पर खर्च नहीं सभी उपखंडों को बिजली आदि जरूरतों के लिए सामान क्रय करने के लिए ११-११ लाख रुपए का बजट आवंटित हुआ परन्तु अभी तक किसी भी उपखंड ने इस बजट को खर्च नहीं किया। इस पर जिला कलक्टर ने नाराजगी जताई।
प्रपोजल ओपीनियन के साथ आए उपखंड कार्यालयों से मिलने वाले प्रपोजल खानापूर्ति की तैयार कर भेजे जा रहे हैं जो ठीक नहीं है। ये नियमों के अनुरूप तैयार कर कमेटी की टिप्पणी के बाद उपखंड अधिकारी के ओपीनियन के साथ आने चाहिए। जनहित के लिए कोई जमीन एक्वायर की जानी है तथ्य सहित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) नख्तदान बारहठ, सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारी मौजूद थे।