पुलिस ने बताया कि इंटेरोगेशन एजेंसियों ने उससे लगातार पूछताछ की। पुलिस थाना की ओर से इसे संदिग्ध मानते हुए इसकी जेआईसी करवाई गई। इसमे संदिग्ध का जासूसी व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में प्रत्यक्ष रूप में शामिल होना नहीं पाए जाने व मध्यप्रदेश में भी उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आने पर श्रीगंगानगर के जिला पुलिस अधीक्षक के आदेश पर उसके निवास व चरित्र सत्यापन कराया गया।
22 जुलाई को उसके निवास स्थान थाना बेडिया जिला खरगोन के पुलिस थाना अधिकारी ने इसकी तस्दीक करते हुए उसके परिजन को सूचना दी। उसके गांव बेडिया जिला खरगोन मध्यप्रदेश भिजवा दिया गया है।
तीन दिन की संयक्त पूछताछ
– विभिन्न इंट्रोगेशन एजेंसियों ने उससे दिन लगातार पूछताछ की। जांच में वह मंद बुद्धि पाया गया। उसके पास प्रकार की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। उसके किसी जासूसी या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत नहीं मिले।
उसे लिवाने आए उसके पिता भीम सिंह, बेडिय़ा गांव पुलिस थाना जिला खरगोन के कांस्टेबल अर्जुन आर्य, सरपंच देवी सिंह को स्थानीय पुलिस थाना के एएसआई राजेंद्र लेघा ने सुपुर्द किया। दो बेटों का बाप है वीर सिंह मंद बुद्धि वीरसिंह शादीशुदा है।
उसके दो बेटे भी है। परिवार में उसकी पत्नी सोनू ,भाई श्यामलाल, उसका पिता भीम सिंह उसे गुम होने के बाद से तलाश कर रहे थे। मानसिक रोगी होने की वजह से पहले भी वह बिना बताए ही घर से निकल जाता और कुछ दिनों बाद लौट आता था।
इसी वजह से परिजन ने उसकी गुमशुदगी कभी भी दर्ज नहीं करवाई। वहां के पुलिस थाना प्रभारी की ओर से उसके मंदबुद्धि होने व अन्य तमाम जानकारियां लिखित में भेजी। परिजन के सपुर्दगी के दौरान 5 एस सीमा चौकी के कंपनी कमांडर सहित विभिन्न जांच एजेंसियों के अधिकारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि 17 जुलाई को पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे भारतीय सीमा पर स्थित 5 एस पोस्ट पर फ्लैग मीटिंग कर वीर सिंह पुत्र भीमसिंह को सौंपा गया थ। उन्होंने बताया था कि 3 माह पूर्व मानसिक विक्षिप्तता अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान सीमा में प्रवेश कर गया। पाकिस्तानी रेंजर्स ने इसे हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की। इस दौरान उसे मानसिक रोगी मानते हुए पुश बैक किया गया।