यूक्रेन के साथ युद्ध की आशंका के चलते रूस समर्थक अलगाववादियों के पूर्वी यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क और डोनेस्क पर कब्जा करने के बाद भी यूक्रेन के अन्य प्रांतों में कोई हलचल नहीं है। इन दोनों प्रांतों को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मान्यता देने के बाद वहां रूसी सेना के पहुंचने की बात भी कही जा रही है। लेकिन लुहांस्क के नजदीक शहर खारकीव में डर-भय जैसी स्थिति दिखाई नहीं दे रही। खारकीव में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे रायसिंहनगर के छात्र चारू ओझा ने बताया कि यहां से लुहांस्क का सफर तीन घंटे का है। इतनी कम दूरी होने के बावजूद शहर में जनजीवन सामान्य है। मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे के आसपास मुख्य सडक़ों और मॉल्स में आमदिनों की तरह ही भीड़भाड़ थी।
------------------ --एडवाइजरी का असर नहीं-------------- यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार को तीसरी एडवाइजरी जारी कर भारतीय छात्रों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोडऩे की सलाह दी है। लेकिन इस एडवाइजरी के बाद भी 20 प्रतिशत छात्र ही भारत आने को तैयार हुए हैं। एयर इंडिया की फ्लाइट भारतीय छात्रों को लाने के लिए मंगलवार को यूक्रेन जा रही है। इसके बाद 24 और 26 फरवरी को भी एयर इंडिया की फ्लाइट यूक्रेन जाएगी। यूक्रेन से अभी वही छात्र आने को राजी हैं जो ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। एमबीबीएस और एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों का कहना है कि उनके विषय ऐसे हैं कि ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ाई करना संभव नहीं है। हालांकि जिन छात्रों ने ऑनलाइन क्लासेज की इच्छा जताई है उनके लिए भारतीय दूतावास के अधिकारी विश्वविद्यालयों से बात कर रहे हैं।
---------------- --किराए ने किया निराश-------- विमान कंपनियों की ओर से किराए में की गई अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने भी भारतीय छात्रों को निराश किया है। अधिकांश छात्रों का कहना है कि उनकी पढ़ाई तो प्रभावित होगी ही। साथ में विमान कंपनियां किराया इतना बढ़ा दिया है कि पैसे की व्यवस्था किए बिना भारत आना मुश्किल है। आमतौर पर विमान कंपनियां भारत आने का किराया 45 से 55 हजार तक लेती है। लेकिन इस समय किराया 65 हजार से 1 लाख रुपए तक कर दिया है जो बहुत ज्यादा है। भारतीय छात्रों का कहना है कि ऐसी स्थिति में भारत सरकार को सामान्य किराए पर उन्हें स्वदेश लाने की व्यवस्था करनी चाहिए।