जिसके लिए नगरपालिका तकनीकी टीम ने बुधवार को कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। नगरपालिका अधिशासी अधिकारी जुबेर खां ने बताया कि शहर में वार्ड 35 के नाले सहित रेलवे कॉलोनी तथा अग्निशमन कार्यालय के समक्ष सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक नालों को सात दिनों के अंदर कवर करवा दिया जाएगा। इसके अलावा एस्टीमेट बनाकर शहर के अन्य घातक नालों को पूर्ण रूप से ढंकने के लिए करीब तीस लाख रुपए की लागत से सात दिवसीय अल्पकालीन निविदा जारी कर कार्य करवाया जाएगा। शहर के सभी नालों को ढंकने के लिए फेरो कवर की निविदा भी निकाली जाएगी। इसके लिए तकनीकी टीम को तीन दिवस में ही योजना तैयार कर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि शहर के वार्ड 35 में सोमवार को लापता हुए चार वर्षीय साहिल सोनी पुत्र मदन सोनी का शव मंगलवार को वार्ड के बीच से गुजर रहे गहरे गंदे पानी के नाले से बरामद हुआ था। निागरिकों ने नालों को कवर नहीं करवाने को लेकर नगरपालिका प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इस संबंध में मृतक साहिल सोनी के पिता की ओर नगरपालिका अधिशासी अधिकारी व संबंधित पार्षद के खिलाफ सिटी थाना में परिवाद भी दाखिल करवाया गया है।
पूर्व विधायक ने बंधाया ढांढस
पूर्व विधायक गंगाजल मील ने बुधवार को मृतक साहिल सोनी के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान नागरिकों ने पूर्व विधायक को नाले का निरीक्षण भी करवाया तथा घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
वार्डवासियों ने कहा कि उन्होंने नाले को लेकर नगरपालिका प्रशासन व वार्ड मैम्बर को बार-बार अवगत करवाया था लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मील ने स्थिति को भयावह बताते हुए नगरपालिका प्रशासन से नाले का शीघ्र निर्माण करवा ढंकवाने की बात कही। उन्होंने बच्चे के परिजनों को उचित मुआवजे देने सहित दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
बुधवार को नहीं जारी हुई सहायता राशि
प्रशासन की ओर से मृतक साहिल सोनी के परिजनों को घोषित पचास हजार रुपए की सहायता राशि बुधवार को भी नहीं मिल सकी। तहसीलदार अजीत गोदारा ने बताया कि सहायता राशि को लेकर पत्रावली बनाकर जिला कलक्टर का प्रेषित कर दी गई है। लेकिन बुधवार को जिला कलक्टर के किसी कार्यवश बाहर होने के कारण सहायता राशि का चैक नहीं दिया जा सका। गुरुवार तक परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध करवा दी जाएगी।