शहर के मुख्य बाजार से हनुमानगढ़ मार्ग तक यही हाल है। ज्यादा परेशानी उन इलाकों में है जहां मोड़ पर सडक़ें बदहाल है। यहां वाहन पर चलते समय टर्न लेना बेहद मुश्किल भरा है, वहीं कई जगह सडक़ के बीचोबीच बड़े गड्ढे हादसों को आमंत्रण देते नजर आते हैं।
महिलाएं और बुजुर्ग होते हैं ज्यादा परेशान
इन मार्गों पर ज्यादा परेशानी महिला और बुजुर्ग दुपहिया चालकों को होती है। इन क्षतिग्रस्त सडक़ों पर इनके लिए वाहन चलाना बेहद जोखिम भरा है। कई बार इन सडक़ों पर वाहन चालक संतुलन नहीं रख पाते और सडक़ किनारे गिर जाते हैं। वहीं कई जगह टूटी सडक़ों की बिखरी कंक्रीट वाहन के लिए फिसलन का कारण बनती है।
यहां सबसे खराब हालात
शहर में रवींद्र पथ पर सबसे खराब हालात है। यहां राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के सामने से प्रतिदिन बड़ी संख्या में वाहन गुजरते हैं। इस मार्ग से प्रतिदिन बड़ी संख्या में विद्यार्थी गुजरते हैं। लेकिन सडक़ की हालत यह है कि संभलकर चलने के बावजूद कई बार वाहन चालक संतुलन खो देते हैं।
ये इलाके भी बदहाल
इसके अलावा पुरानी आबादी में सूचना केंद्र के निकट, मल्टीपर्पज स्कूल अंडरब्रिज के पास, सुखाडिय़ा मार्ग पर एसडी कॉलेज के निकट, इसी मार्ग पर शहीद बीरबल पार्क के पास, शांति स्तंभ के पास के इलाके में,खींची चौक के मोड़ पर, मीरा मार्ग पर पंजाब नेशनल बैंक के निकट, जवाहर नगर में एकता पार्क के पास सहित बहुत से ऐसे इलाके हैं जहां सडक़ों के हाल बेहाल हैं। वहीं हनुमानगढ़ रोड पर भी कई जगह से सडक़ टूटी फूटी है। इस मार्ग पर कई स्कूल और कॉलेज हैं। ऐसे में यहां सुबह के समय वाहनों का दबाव भी अधिक रहता है। ऐसे में वाहन गुजरने में जबर्दस्त परेशानी होती है।
सीवरेज से बदहाल
वहीं इंदिरा वाटिका के सामने के इलाके में सीवरेज कार्य के कारण पहले ही सडक़ों का हाल बेहाल था। ऐसे में यहां हुई वर्षा ने स्थिति और भी ज्यादा खराब कर दी है। अब यहां सडक़ के बड़े हिस्से में गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं।