शंकर कॉलोनी में सीवर कंपनी की मिट्टी कॉम्पेक्ट करने वाली मशीन भी बरसाती पानी में बह गई। जहां-जहां सीवर पाइप लाइनें बिछाई गई हैं, उसके आसपास का एरिया जमींदोज होने लगा है। पानी निकासी नहीं होने के कारण पानी अब घरों की नींव में घुसने लगा है। खुदाई के मलबे के ढेर से पसरे कीचड़ से लोग आवाजाही के लिए परेशान हैं।
सर्विस रोड खाळे में बदली
इधर, चहल चौक के पास पिछले दिनों बनी सड़कें बरसाती पानी को झेल नहीं पाई। शिव चौक से राजकीय जिला चिकित्सालय तक निर्माण के लिए अटकी सर्विस रोड खाळे का रूप ले चुकी है। ऐसे में सड़क किनारे चाय की थड़ी और पान बीड़ी के खोखे वालों ने सड़क पर ही डेरा जमा लिया है।
मौनी बाबा बन गए जन प्रतिनिधि
सीवर प्रभावित इलाके में सड़कों का निर्माण सीवर ठेका कंपनी किस गुणवत्ता से करवा रही है, यह शुक्रवार की बरसात के बाद सामने आ गया। जिन कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने के बाद सड़कें बनाई गई हैं, वहां ऐसी ऐसी सड़कें बनाई हैं कि कार जैसा हल्का वाहन गुजरा तो सड़कें इस कदर धंस गई जैसे भूकम्प आया हो।
नगर विकास न्यास और नगर परिषद के जिम्मेदार अध्यक्षों ने इस ठेका कंपनी की कथित अनियमितताओं के संबंध में आरयूआईडीपी के अधिकारियों से संपर्क करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। इलाके में सत्तारूढ़ भाजपाई और विपक्ष में बैठी कांगे्रस के जिम्मेदार भी जनता के समक्ष आ रही परेशानियों की आवाज उठाने की बजाय मौनी बाबा बन गए हैं।