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अवैध कॉलोनियों पर कसेगा शिंकजा: पटवारियों से कृषि भूमि पर अकृषि कार्य नहीं होने का लिया जाएगा शपथ पत्र

locationश्री गंगानगरPublished: Jan 17, 2021 10:39:32 pm

Submitted by:

surender ojha

Shinkja will be tightened on illegal colonies: Patwaris will be taken affidavit for not doing agricultural work on agricultural land- श्रीगंगानगर में भू उपयोग परिवर्तन शुल्क नहीं मिलने से राज्य सरकार को राजस्व हानि

अवैध कॉलोनियों पर कसेगा शिंकजा: पटवारियों से कृषि भूमि पर अकृषि कार्य नहीं होने का लिया जाएगा शपथ पत्र

अवैध कॉलोनियों पर कसेगा शिंकजा: पटवारियों से कृषि भूमि पर अकृषि कार्य नहीं होने का लिया जाएगा शपथ पत्र

श्रीगंगानगर. शहर से सटी कृषि भूमियों में रातोंरात अवैध कॉलोनियों के काटने का धंधा इस कदर हावी हो चुका है कि जिला प्रशासन और नगर विकास न्यास से अनुमति के बिना भूखंड बेचे जा रहे है। सस्ती दरों पर भूखंड हाथोंहाथ बिकने भी लगे है, इससे राज्य सरकार को भू उपयोग परिवर्तन शुल्क नहीं मिलने से राजस्व हानि हो रही है।
हिन्दुमलकोट रोड, श्रीकरणपुर रोड, पदमपुर रोड, हनुमानगढ़ रोड, सूरतगढ़, अबोहर रोड पर कृषि भूमि पर अकृषि कार्य जैसे आवासीय कॉलोनियां और व्यवसायिक गतिविधियां जैसे मार्केट या कॉम्पलैक्स काटने का कारोबार एकाएक बढ़ गया है।
कॉलोनाइजर किसानों से एक साथ एक मुरब्बा कृषि भूमि खरीदकर भू उपयोग परिवर्तन कराए बिना भूखंडों के बेचान से मोटा मुनाफा कमाने लगे है, इससे सरकार को भू उपयोग परिवर्तन शुल्क के एवज में मिलने वाला राजस्व कॉलोनाइजरों की जेब में जा रहा है। जब तक जिला प्रशासन या अन्य सरकारी विभाग कार्रवाई करता है तब तक मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों को भूखंड खरीदने से नुकसान होता है।
लेकिन अब एेसा नहीं होगा। जिला प्रशासन ने हिन्दुमलकोट रोड, सूरतगढ़ रोड, पदमपुर रोड, हनुमानगढ़ रोड सहित कई एरिया में कृषि भूमि पर अकृषि कार्य पाए जाने पर अब हल्का पटवारियों को अधिकृत करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
उपखंड अधिकारी उम्मेद सिंह रतनू ने बताया कि प्रत्येक पटवारी से उसके पटवार हल्के में कृषि भूमि में अकृषि कार्य नहीं होने का बकायदा शपथ पत्र लिया जाएगा ताकि कोई भी कॉलोनाइजर रातोंरात वहां अवैध कॉलोनी का निर्माण नहीं कर सके।
इधर, इलाके में कोरोनाकाल में अधिकांश व्यापार पर विपरीत असर पड़ा है लेकिन प्रोपर्टी में तेजी आई है। करीब एक साल में इलाके में बीस कॉलोनियां काटी जा चुकी है लेकिन एक अवैध कॉलोनी भी कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से संबंधित कृषि भूमि के खातेदारों को नोटिस जारी किए है।
यहां तक कि यूआईटी और तहसीलदार को संबंधित भूमि में मालिकाना हक के संबंध में रोक भी लगाई है। लेकिन कानूनी दावपेच में प्रभावशील कॉलोनाइजरों पर इसका असर नहीं हुआ है। यहां तक कि अधिकांश भूखंड बिक भी चुके है।
एसडीएम ने स्वीकारा कि कॉलोनी कट रही होती है तब कार्रवाई अधिक प्रभावशाली रहती है लेकिन काटने के बाद कॉलोनाइजर काबू में नहीं आते, तब भूखंड खरीदने वाले मध्यवर्गीय परिवारों को नुकसान होता है
ज्ञात रहे कि नगर विकास न्यास क्षेत्र में एक दशक पहले साठ अवैध कॉलोनियां काटी गई थी, इस मामले में न्यास के तत्कालीन सचिव अशोक यादव ने अवैध कॉलोनियां के काटने के संबंध में करीब सवा सौ खातेदारों को नोटिस जारी भी किए थे।
लेकिन जब तक खातेदारों के पास ये नोटिस पहुंचे तब तक संबंधित भूमि का बेचान हो चुका था। तब न्यास प्रशासन ने अवैध कॉलोनियां होने के संबंध मं लोहे के साइन बोर्ड भी चेतावनी अंकित कर संबंंधित अवैध कॉलोनियां की भूमि पर लगवाए थे।
लेकिन राजनीतिक दखलदांजी के कारण ये साइन बोर्ड हटवा लिए थे। अधिकारियों के तबादले के बाद अवैध कॉलोनियां के काटने के संबंध में संबंधित पटवार हल्के के पटवारियों और अन्य सरकारी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई नहंीं हो पाई। यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
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