रायसिंहनगर क्षेत्र के गांव 42 एनपी निवासी अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी कहते हैं कि धरतीपुत्र अपनी भविष्य की पीढ़ी को बचाने के लिए अपना हक के लिए संघर्ष कर रहा है। इस किसान आंदोलन को पंजाब का किसान नेतृत्व कर रहा है। किसान आंदोलन में किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्र्राॅली व ट्रक,गाडिय़ां लेकर पूरी तैयारी व मजबूती के साथ दिल्ली की तरफ कूच कर रहा है। इस आंदोलन में छोटे बच्चे, महिलाएं, युवा व बुजुर्ग किसान भी शामिल हो रहे हैं।
पंजाब के मानसिंहवाला के किसान गुरवंत सिंह भूल्लर ने कहा कि मोदी किसानों को तीन कृषि कानून लाकर बर्बाद कर दिया है। खेती बाड़ी व जमीन अडाणी व अंबानी के हवाले करना चाहता है। पंजाब का किसान किसी भी सूरत में ऐसा नहीं होने देगा। जब तक किसान को अपना हक नहीं मिलेगा, वापस घर पर नहीं जाएंगे। छह माह का राशन-पानी साथ लेकर आए हैं।
किसान की ट्रैक्टर-ट्रॉली में डीजल, खाने-पीने का राशन व लक्कड़ी सहित छोटा-मोटा सामान ट्रॉली में साथ ही लेकर चले हैं। ट्रॉली पर तिरपाल लगाकर रात्रि को सर्दी में अंदर ही रहना का ठिकाना भी बना रखा है। सर्दी से बचाव के लिए रजाई व कंबल आदि साथ लेकर आए हैं। किसान अचार का डिब्बा साथ लेकर आए, एक समय सब्जी नहीं बनेंगी तो फिर काम चला लिया जाएगा। मूकलावा का किसान इंद्रजीत बिश्नोई ने कहा कि जब तक किसान आंदोलन चलेगा, किसानों की लड़ाई में श्रीगंगानगर का किसान साथ संघर्ष करता रहेगा। दिल्ली से कुछ दूरी पर बहादुरगंज पर किसानों ने शुक्रवार रात्रि को डेरा डाल रखा था।
जीकेएस के प्रवक्ता व पूर्व सरंपच संतवीर सिंह मोहनपुरा ने बताया कि किसानों ने दिल्ली को जोडऩे वाली हर रोड को जाम कर रखा है। एक बार जहां पर है वहीं पर किसानों ने मोर्चा लगाया है और रविवार को फिर किसान नेताओं की मीटिंग होगी। इसमें आगे की रणनीति बनाकर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।