जम्मू कश्मीर के द्रास, जोजिला पास, गुलमर्ग आदि इलाकों में हुई बर्फबारी का असर इलाके में कंपकंपा देने वाली हवा के रूप में सामने आया। देश के उत्तर पश्चिमी इलाके में मौसम में आए इस बदलाव ने ठंडक बढ़ा दी। पूरे दिन धूप के बावजूद हवा गर्मी में भी सर्दी का एहसास करवाती नजर आई।
सामान्यत: अप्रेल का महीना शुरू होते ही गर्मी जोर पकडऩे लगती है। पिछले वर्ष से तुलना करें तो इस बार अप्रेल के दूसरे पखवाड़ें का तापमान करीब दस से बारह डिग्री सेल्सियस तक कम है। आलम यह है कि मौसम के इस बदलाव के कारण सुबह जल्दी घरों से निकलने वाले लोगों को गर्मी के इस महीने में कंपकंपी का एहसास हुआ। सड़क किनारे स्कूल बसों के इंतजार में खड़े बच्चे भी हवा से बचाव करने का जुगत करते नजर आए। यही स्थिति स्कूलों के प्रांगण में भी रही।
धूप निकली तो हवा रही हावी
सुबह करीब आठ बजे के आसपास धूप निकली तो सर्दी से राहत की उम्मीद नजर आ रही थी, लेकिन हवा ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दिन में जैसे-जैसे हवा चलती तो ठंडक का एहसास होता रहता। पूरा दिन यही आलम बना रहा। सड़कों पर निकले वाहन चालकों और पैदल लोगों के लिए धूल के गुबार परेशानी का कारण बने। मौसम में आए इस बदलाव के कारण शाम के समय पार्कों में भी अपेक्षाकृत कम लोग जुटे। रात को हवा ने एक बार फिर तेज ठंडक का एहसास करवाया।
उत्तर पश्चिमी हवा का असर
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार देश के उत्तर पश्चिमी इलाके यानी जम्मू कश्मीर के जोलिला पास, गुलमर्ग, द्रास और इसके आसपास के इलाके में पिछले दिनों हुई बर्फबारी और वर्षा का असर इस बार श्रीगंगानगर इलाके तक भी पहुंचा गया है। जम्मू कश्मीर की इस बर्फीली हवा के कारण इलाके में हवा से कंपकंपाने जैसा एहसास होने लगा। यह स्थिति अभी बने रहने की संभावना जताई जा रही है।