…….‘वर्षों से घर पर बच्चों को देते हैं निशुल्क शिक्षा’
पदमपुर. अपने बच्चों के लिए तो हर कोई माता -पिता अच्छे शिक्षक से पढ़ाकर आगे लाने का प्रयास करता है, मगर जो शिक्षक किसी दूसरों के बच्चों के लिए सोचे, ऐसे शिक्षक बहुत कम मिलते हैं। पदमपुर कस्बे के वार्ड 2 निवासी शिक्षक मनदीप राणा को आज भी उनके कुछ विशेष गुणों के कारण याद किया जाता है। मनदीप राणा वर्तमान में गजसिंहपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं। ( sriganganagar hindi news )
ये वर्ष 1996 से लगातार अपने निवास पदमपुर के वार्ड नम्बर दो में कक्षा 10 तक के करीब 150 विद्यार्थियों को निशुल्क पढ़ाते हैं। अध्ययन के लिए इन्होंने एक बड़ा हाल भी बना रखा है जहां परीक्षा के समय सुबह-शाम को दो टाइम विद्यार्थियों को अध्ययन करवाते हैं। यही नहीं दूर गांवों से आने वाले बच्चों को यहां रुकवाते भी हैं और चाय-पानी खाने की व्यवस्था भी खुद करते हैं।
……….खुद बदली विद्यालय की तस्वीर
अनूपगढ़. नौकरी करने के साथ-साथ अपने कार्य के प्रति सेवाभाव तथा समपर्ण की भावना हो तो किसी भी कार्य तथा कार्य क्षेत्र को बेहतरीन बनाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया शिक्षिका सुमनलता बिश्रोई ने। यह शिक्षिका वर्तमान में ग्राम पंचायत 6पी के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है। ( rajasthan patrika hindi news )
ग्राम पंचायत 6 पी के सरकारी विद्यालय में स्वयं प्रधानाचार्य ने 48 हजार रुपए का सहयोग तथा स्टॉफ ने 50 हजार रुपए की सामग्री देकर विकास कार्य करवाए। भामाशाह ( Bhamashah ) सिमरजीत कौर ने दो लाख की लागत से कमरा, भामाशाह सरंपच कैलाश चंद ने 2 लाख की लागत से कमरा-बरामदा तथा ग्राम पंचायत द्वारा 10 लाख से एक कक्षा कक्ष मय बरामदा और छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आधुनिक शौचालय, पेयजल डिग्गी तथा अन्य सुविधाएं दी गई। ( anoopgarh news )
इसके अलावा वीरभान, रामलाल शर्मा ने 10 पंखे भेट किए। वर्तमान में 4 कमरे रमसा द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। शैक्षणिक स्तर में भी सुधार हुआ है।