राजकीय चिकित्सालय में नाइट ड्यूटी सुपरवाइजर राकेश कुमार ने बताया कि स्टाफ के लोग इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे थे। इसी दौरान करीब 10 बजकर 20 मिनट पर बच्चे के रोकने की आवाज आई। बच्चा जोर-जोर से रो रहा था। इस पर चिकित्साकर्मियों ने पहले तो इधर-उधर देखा लेकिन बाहर कोई बच्चा नहीं होने पर तत्काल शिशु पालना गृह में देखा तो एक बच्चा रोता हुआ मिला।
जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति यहां छोडकर चला गया था। चिकित्सा कर्मियों ने तत्काल बच्चे को पालना गृह से बाहर निकाला और गोद में उठा लिया। गोद में उठाते ही बच्चे ने रोना बंद कर दिया। ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने बच्चे की जांच की। देखने में बच्चा बड़े घर का दिखाई देता है।
जिसने अच्छे कपड़े पहने हैं और डायपर बंधा हुआ है। इसके अलावा बच्चे के गले में चांदी की चेन व हाथों में चांदी के कड़े हैं। बच्चा करीब दस से पंद्रह दिन का बताया जा रहा है।
चिकित्सा कर्मियों ने बताया कि ऐसा पहलीबार हुआ है कि कोई अज्ञात व्यक्ति बालक को पालना गृह में छोडकर चला गया। अभी तक लोग बालिकाओं को छोडक़र जाते रहे हैं। चिकित्सा कर्मियों ने बालक को शिशु नर्सरी में भर्ती करवा दिया है। चिकित्साकर्मियों ने बताया कि इस संबंध में पुलिस कंट्रोल रूम व संबंधित थाने को सूचना दे दी गई है। चाइल्ड लाइन को भी अवगत कराया गया है।
बच्चे की रीढ़ की हड्डी में गांठ जैसा है, पट्टी बंधी है। जो किसी निजी अस्पताल में बांधी गई है। चिकित्सा कर्मियों का कहना है कि शायद इसी के चलते बच्चे को छोड़ा गया है। यह बीमारी मिंगो मयलोकोले बताई जा रही है। ड्यूटी डॉक्टर एमएल छिम्पा व शिशु रोग के डॉक्टर एमआर राठी ने बच्चे की जांच की है। बच्चे की हालत को देखते हुए उसे बीकानेर रेफर किया गया है।