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खेल मैदान के आभाव में दम तोड़ रही युवा प्रतिभाएं, तो इसलिए नैशनल स्तर के खिलाड़ी हो रहे परेशान

locationश्री गंगानगरPublished: Feb 05, 2018 09:53:53 pm

खेल मैदान के अभाव में दम तोड़ रही युवा प्रतिभाएं। इन युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने का नहीं मिल रहा अवसर…

young football player
खेल मैदान का अभाव पिछले काफी सालों से गांव के खेलों के प्रति रूचि रखने वाले खिलाड़ियों के लिए एक विकट समस्या बनी हुआ है। एक और प्रदेश में सरकार द्वारा खेल नीति बनाकर खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए नए-नए तरीकों से उचित मंच और अवसर प्राप्त करवाने के दावे किए जाते हैं, तो वहीं अनूपगढ़,पतरोड़ा गांव और आसपास क्षेत्र के गांवों, ढाणियों में राज्य स्तर और नैशनल स्तर पर खेल चुके युवा खिलाड़ी भी खेल मैदान को तरस रहे है।
गांव में राजकीय माध्यमिक विद्यालय, निजी उच्च माध्यमिकविद्यालय व महाविद्यालय है, जिसमें यहां के खिलाड़ियों के लिए खेल मैदान अनिर्वाय है पर फिर भी गांव के युवा खेल मैदान को आज तक तरसते नजर आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें खेल के अभ्यास को लेकर कई समस्याएं भी होती है।
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आगे बढ़ने का नहीं मिल रहा मौका-

खेल मैदान उपलब्ध नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को बड़े स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिल रहा है। इस प्रकार जो युवा खेल में रूचि रखते हैं वे क्षेत्र में खेल मैदान नहीं होने से अपने खेल की तैयारी नहीं कर पाते और आखिरकार थक हार कर बैठ जाते हैं। जिससे क्षेत्र की प्रतिभा कुंठित होकर रह जाती है और बड़े स्तर तक नहीं आ पाती है।
युवाओं के अपने स्तर पर प्रयास-

बावजूद इसके युवाओं ने अपने स्तर पर प्रयास जारी कर रखे हैं, लेकिन उनको कहीं सफलता हासिल होती दिखाई नहीं पड़ रही। खेल मैदान को लेकर समय-समय पर युवाओं ने आवाज उठाई और जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी मांग की, लेकिन हमेशा आश्वासन मिला या पंचायत में राज रकवा नहीं होने की बात सुनने को मिली। लेकिन किसी तरह समाधान नहीं मिला।
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सहयोग नहीं मिलने के कारण छोड़ देते हैं खेल-

गांव में राज्य स्तर नैशनल स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके बॉक्सिंग और फुटबॉल खिलाड़ियों को आज तक किसी भी तरफ से कोई सहयोग नहीं मिल पाया है। गांव में बॉक्सिंग खिलाड़ियों का कहना है कि वे खेलने के लिए सामान अपने स्तर पर लाते हैं, उन्हें आज तक किसी प्रकार का कोई सहयोग नहीं मिला। तो वहीं परेशानी के कारण कई युवा थक हारकर तैयारी करना ही छोड़ देते है।

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