इस चौक पर हुई सभा में वक्ताओं ने दोषी लोगों को फांसी की सजा देने की मांग की। वक्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार की भेदभावपूर्ण कार्यवाही के कारण आज बहुसंख्यक वर्ग अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है। प्रदेश में जंगलराज कायम हो चुका है। दर्जी कन्हैयालाल को मारने वाले आतंकियों ने वीडियो जारी कर पहले से ही इस घटना को अंजाम देने की चेतावनी दे दी थी, इसके बावजूद कन्हैयालाल की शिकायत पर पुलिस प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया। पुलिस ने अपने स्तर पर राजीनामा का दबाव बनाया और चेतावनी होने के बावजूद सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई रही।
इस घटना के जिम्मेदार अफसरों और पुलिस कर्मियों को षडयंत्र रचने का आरोपी मानकर मुकदमा चलाया जाना चाहिए न कि निलम्बन या तबादले की खानापूर्ति। इससे पहले संयुक्त् व्यापार मंडल के अध्यक्ष तरसेम गुप्ता की अगुवाई में दुकानदारों ने सदर बाजार, तहबाजार, पुरानी धानमंडी, लोहा मंडी, महावीर शॉपिंग सैँटर, पटेल मार्केट, प्रताप मार्केट, जवाहर मार्केट, स्वामी दयानंद मार्ग, पुरानी छोटी धानमंडी, सब्जी मंडी, ट्रेक्टर मार्केट, महावीर दल मंदिर मार्केट, पब्लिक पार्क मार्केट आदि से रोष मार्च निकाला। इस रोष मार्च के दौरान दुकानदारों ने कन्हैयालाल अमर रहे’, ‘राज्य सरकार मुर्दाबाद’ तथा ‘हिन्दु एकता जिन्दाबाद’ के गगनभेदी नारों से सारा वातावरण गुंजायमान कर दिया।इधर, दुर्गा मंदिर मार्केट में भी दुकानदारों ने कामकाज ठप कर विरोध जताया। इस बीच बाजार बंद को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कोतवाली में अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया। वहीं हर चौक चौराहे पर पुलिस कर्मियों को गश्त करने के लिए भिजवाया गया।