इस दौरान सादुलशहर विधायक जगदीश चन्द्र जांगिड़ ने पीएचईडी अधिकारियों से सवाल कि पेयजल के लिए हैंडपंपों की स्थिति बारे में सवाल किया तो जवाब मिला कि अभी हैंडपंप लगाए जा रहे है। इस पर विधायक जांगिड़ उखड़े और बोले कि पिछली बैठक में भी यही रटरटाया जवाब मिला था। इस संबंध में जिला कलक्टर को अवगत कराया। वहीं जिला प्रमुख कुलदीप इंदौरा ने इस भीषण गर्मी में पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही।
इधर, मनरेगा में श्रमिकों पर लगे मेटों को बदलने का नियम है, इसके बावजूद उन्हीं चेहरों और व्यक्तियों को मेट बनाया जा रहा है जो पिछले पांच साल से कार्यरत है। ग्राम विकास अधिकारी की बजाय मेट बनने की चाह पूरे जिले में चल रही है। विधायक जांगिड़ और विधायक राजकुमार गौड़ ने जिला परिषद सीईओ और जिला कलक्टर से सवाल जवाब किया। सीईओ मुहम्मद जुनैद ने स्वीकार किया कि हर पन्द्रह दिन बाद मेट बदलने का नियम है लेकिन बदले नहीं जा रहे है। जिला परिषद सदस्य मंगलसिंह का आरोप था कि मेट कमाऊ पूत हो गए है।
मनरेगा श्रमिकों के नाम से एक ग्राम पंचायत में कथित वसूली का खेल चल रहा है। सादुलशहर और श्रीगंगानगर के विधायकों ने पिछले पांच साल में लगाए गए मेटों की जांच कराने के निर्देश सीईओ को दिए।
इस दौरान जिला परिषद सदस्य सुभाष जाखड़ ने सवाल उठाया कि मोरजंड,मन्नीवाली, खाराचक, सुंदरपुरा, पन्नीवाली, 10 एसपीडी आदि ग्रामीण इलाके में अवैध शराब की दुकानें संचालित हो रही है लेकिन आबकारी विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। जहां अवैध दुकानें है, वहां का लाइसेंस बना दो या गोदाम के नाम पर फीस तो जमा कराओ।
इस दौरान जिला परिषद सदस्य सुभाष जाखड़ ने सवाल उठाया कि मोरजंड,मन्नीवाली, खाराचक, सुंदरपुरा, पन्नीवाली, 10 एसपीडी आदि ग्रामीण इलाके में अवैध शराब की दुकानें संचालित हो रही है लेकिन आबकारी विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। जहां अवैध दुकानें है, वहां का लाइसेंस बना दो या गोदाम के नाम पर फीस तो जमा कराओ।
इस पर सूरतगढ़ विधायक ने चुटकी लेते हुए साफ साफ बोला कि पूर्ववर्ती सरकार हो यानि पहले भी, अब भी और आगे आने वाली सरकार के कार्यकाल में अवैध शराब का सिलसिला चलता रहेगा। कोई रोकने वाला नहीं है। अन्य सदस्यों ने प्रस्ताव पास करने की बात की तो विधायक ने टोकते हुए कहा कि ऐसे प्रस्ताव हमने लटकते हुए खूब देखें हैं। सूरतगढ़ विधायक रामप्रताप कासनियां का कहना था कि ऊर्जा और पीएचईडी दोनों विभागों के अफसरों ने जनप्रतिनिधियों की फजीहत कराई है। टिब्बा क्षेत्र में पानी संकट विद्युत निगम की वजह से बना हुआ है।
निगम नए बिजली कनैक्शन देने के वाहवाही लूटने के चक्कर में पुराने कनैक्शनधारकों की व्यवस्था बिगाड़ रहा है। उन्होंने निगम अधिकारियों को साफ कहा कि किसी भी सूरत में पेयजल के लिए दी गई बिजली कोटे में छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।
सूरतगढ़ विधायक कासनियां का आरोप था कि उनके एरिया में भारतमाला सडक़ निर्माण के लिए पानी क आपूर्ति कई सरपंच और प्रभावशाली लोग कैँटरों को वाटर वक्र्स की डिग्गियों से भरकर बेच रहे है। इसमें गुंसाईसर, एटा, सोमासर, ठुकराना आदि गांव शामिल है, जहां प्रभावशाली लोग पानी का स्टोरेज कर रहे है। पीएचईडी विभाग सोया हुआ है।