यह है मामला
जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर करीब एक बजे गांव भुट्टीवाला में हत्या की सूचना मिलने पर एसआइ श्याम सिंह पुलिस जाब्ते के साथ वहां पहुंचे। मौके पर गांव के महेन्द्र सिंह उर्फ महमा सिंह (36) पुत्र रुड़सिंह ढिल्लों का शव चारपाई के नीचे पड़ा मिला। मौका मुआयने के दौरान एफएसएल टीम व डॉग स्क्वायॅड से जांच आदि कराकर शव को राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में लाया गया। वहां पोस्टमार्टम के बाद शाम करीब पांच बजे शव परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं, मृतक के बड़े भाई दर्शन सिंह की रिपोर्ट पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। बताया जा रहा है कि मृतक शादीशुदा था। अपने माता-पिता व भाई से अलग रहता था और करीब तीन माह पहले दूसरी पत्नी भी उसे छोडकर चली गई थी।
लौटे ग्रामीण
अंतिम संस्कार के लिए शाम करीब छह बजे शव जैसे ही गांव के स्वर्गाश्रम ले जाया गया वहां मामले में किसी तरह की ठोस पुलिस कार्रवाई नहीं होने की बात कहते हुए कई ग्रामीण आक्रोशित हो गए और ट्रैक्टर ट्रालियों पर शव रखकर वापस कस्बे की ओर चल पड़े। वे शव को पुलिस थाने ला रहे थे। इधर सूचना मिलने पर पुलिस के हाथ पांव फूल गए। एसआइ श्याम सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने शव लेकर आ रहे ग्रामीणों को कस्बे के बाहर बाबा दीपसिंह गुरुद्वारा के निकट रोक लिया। इससे मामला तूल पकड़ गया। सूचना मिलने पर तहसीलदार गोकुलदान चारण व डीएसपी प्रतापसिंह डूडी भी वहां पहुंच गए।
पुलिस पर ढिलाई का आरोप
मौके पर ग्रामीण स्वर्णसिंह मंगा, मंदर सिंह, उधम सिंह सहित मृतक के परिजनों ने अधिकारियों के समक्ष आरोप लगाया कि पुलिस का जबरन रोकना गलत है। वहीं, हत्या का मामला होने के बावजूद पुलिस पर ढिलाई का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना था कि मामले को लेकर गांव में किसी तरह की पूछताछ नहीं की गई। वहां जाने के बाद पुलिस महज औपचारिकता पूरी कर वापस आ गई। मामला शांत नहीं होने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीता राम व गजसिंहपुर, केसरीसिंहपुर व पदमपुर पुलिस थाना का जाब्ता भी वहां पहुंच गया। एएसपी ने ग्रामीणों से किसी संदिग्ध का नाम बताने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीण इस संबंध में अनभिज्ञता जताते हुए कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए थे। पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास किए लेकिन विफल रहे।