पुलिस ने बताया कि बिल्डर मुकेश शाह के साथ हुई आईएएस के नाम से छह लाख रुपए की ठगी के प्रकरण में पुलिस ने जांच शुरू की और कॉल डिटेल निकलवाई गई। इस मामले में पुलिस प्रदेश के संदिग्धों की कुण्डली खंगालनी शुरू कर दी थी। तब पुलिस की सुई एक संदिग्ध पर जा टिकी। जो प्रदेश का टॉप मोस्ट ‘नटवरलाल’ के नाम से जाना जाता है। वहीं मामले में एक तकनीकी व एक फील्ड पुलिस टीमें भेजी गई।
जो तीन दिन से इस संदिग्ध का पता लगा रही थी। पुलिस की ओर से बिल्डर के मोबाइल की कॉल डिटेल भी निकलवाई गई। जिससे फोन करने वाले के नंबर का पता लगाया गया। पुलिस इस संदिग्ध को शुक्रवार रात श्रीगंगानगर ले आई है। पुलिस ने कुछ ही दिन में इस वारदात का खुलासा कर इस शातिर ठग को काबू कर लिया है। जिसका जल्द ही पुलिस अधीक्षक खुलासा करेंगे।
यह है प्रकरण
- बिल्डर मुकेश शाह के मैनेजर सुनील गोयल निवासी रिद्धि सिद्धि ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि रिद्धि सिद्धि इनकलेव के मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश शाह के मोबाइल पर मंगलवार सुबह 8.18 पर व्हाट्सएप काल आई, जो रिसीव नहीं की जा सकी। इसे बाद 8.21 बजे फिर से पूर्व जिला कलक्टर जाकिर हुसैन के नंबर से दो बार सामान्य कॉल आई। जो भी रिसीव नही की जा सके। 8.22 बजे फिर एक कॉल आई, जो भी रिसीव नहीं हुई। बाद में मोबाइल चेक किया तो कॉल देखी। इसी दौरान 8.30 बजे फिर से कॉल आई। जिसमें फोन करने वाले ने खुद को श्रीगंगानगर का पूर्व कलक्टर जाकिर हुसैन होना बताकर कहा कि व्हाट्सएप से कॉल करता हूं।
इसके बाद उसने मुकेश शाह को व्हाट्सएप से कॉल किया और बताया कि किसी जानकार को मुम्बई में इलाज के लिए 16 लाख रुपए की जरुरत है, व्यवस्था कराओ। इस पर मुकेश शाह ने अपने भाई सुरेश को फोन करके मुम्बई में छह लाख रुपए की व्यवस्था कर दी। सुरेश शाह ने अपने कर्मचारी मिलन को प्रवीण व्यक्ति के मोबाइल नंबर देकर रुपए देने के लिए बोरीवली भेजा।
जहां प्रवीण नाम का युवक को 6 लाख रुपए सौंप दिए। बाद में पूर्व कलक्टर जाकिर हुसैन से बात की तो ठगी होने का पता चला। इसके बाद पता चला कि इसी नंबर से एसडीएम उम्मेद सिंह रत्नू व कोतवाल विश्वजीत सिंह को भी कॉल आया था और कॉलर ने आवश्यक जानकारी लेने का प्रयास किया।