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सतर्क रहें… सोलर पंप के लिए 90 प्रतिशत अनुदान यानी पूरा फर्जीवाड़ा

locationश्री गंगानगरPublished: Apr 17, 2021 10:47:11 am

Submitted by:

Krishan chauhan

कुसुम योजना के रजिस्ट्रेशन के नाम पर 56 सौ रुपए की अवैध वसूली- ऑनलाइन फर्जी लेटर बनाकर दिया जा रहा है किसानों को
 

सतर्क रहें... सोलर पंप के लिए 90 प्रतिशत अनुदान यानी पूरा फर्जीवाड़ा

सतर्क रहें… सोलर पंप के लिए 90 प्रतिशत अनुदान यानी पूरा फर्जीवाड़ा

सतर्क रहें… सोलर पंप के लिए 90 प्रतिशत अनुदान यानी पूरा फर्जीवाड़ा

कुसुम योजना के रजिस्ट्रेशन के नाम पर 56 सौ रुपए की अवैध वसूली
– ऑनलाइन फर्जी लेटर बनाकर दिया जा रहा है किसानों को
श्रीगंगानगर. जिले में हाइटेक खेती करने वाला किसान अपने खेत में डिग्गी बनाकर सोलर पंप सेट स्थापित करना चाहता है। इस पर उद्यान विभाग 60 प्रतिशत तक किसानों को सब्सिडी दे रहा है। वहीं, दिल्ली का पता बताकर कुछ लोग कुसुम योजना में 90 प्रतिशत सब्सिडी पर सोलर पंप सेट लगवाने का दावा कर रहे हैं। इसके लिए किसानों के मोबाइल नंबर पर सोलर पंप सेट स्वीकृत कर अनुमोदन पत्र भेजे जा रहे हैं। इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 56 सौ रुपए किसान से गूगल पे या नेट बैंकिग के माध्यम से पत्र में दिए गए यूनियन बैंक खाता नंबर में भेजने के लिए दूरभाष पर फोन किया जा रहा है। सादुलशहर तहसील क्षेत्र के गांव सरदारपुरा जीवन के किसान महेंद्र सहारण व रणजीत सहारण के मोबाइल नंबर पर इस प्रकार सोलर पंप सेट स्वीकृत करने का पत्र मिला है।
फर्जीवाड़ा करने के लिए कर रहे फोन
खेत में डिग्गी का निर्माण करवाया है और कुसुम योजना में सोलर पंप सेट लगाने के लिए चार-पांच दिन पहले ही

ऑनलाइन आवेदन इ-मित्रा से किया है। अब अर्जुन नाम के एक व्यक्ति का फोन आ रहा है। वह कहता कि कुसुम योजना में आपको सोलर पंप स्वीकृत हो चुका है। इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन शुल्क के 56 सौ रुपए इ-बैंकिग व गूगल पे से जमा करवाना होगा। लेकिन मैंने रुपए जमा नहीं करवाया है।
– महेंद्र कुमार सहारण, किसान, सरदारपुरा जीवन।
— यह फर्जीवाड़ा है, किसान बचें

कुसुम योजना में कुछ लोग 90 प्रतिशत सब्सिडी का झांसा देकर ऑनलाइन गूगल पे या नेट बैंकिंग से 5600 रुपए प्रत्येक किसान से रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर वसूली कर रहे हैं। विभाग की तरफ से कोई ऑनलाइन फीस नहीं ली जा रही, यह पूरा फर्जीवाड़ा है। किसानों से इस प्रकार कोई व्यक्ति ऑनलाइन राशि मांग रहा है तो उससे बचना चाहिए।
– प्रीति बाला, सहायक निदेशक उद्यान विभाग, श्रीगंगानगर।
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जबकि हकीकत यह है…

श्रीगंगानगर जिले में वर्ष 2011-12 में 12 सोलर पंप सेट से शुरुआत की गई थी। इसके बाद इस क्षेत्र में सोलर पंप की तरफ किसानों का काफी रुझान बढ़ा है। पिछले नौ साल में जिले में अभी तक 4496 सोलर पंप सेट किसानों के खेतों में लग चुके हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में 1908 सोलर पंप स्वीकृत हुए थे। कोरोना की वजह से पंप सेट का सामन देरी से आने की वजह से इनको स्थापित करने में समय लगा।
सोलर पंप के लिए गाइड लाइन
सोलर पंप के लिए किसान को नवीनतम आवेदन पत्र, जमाबंदी, भूमि का नक्शा, भूमि प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, भामाशाह कार्ड की फोटो, आवेदन पत्र पर किसान की प्रमाणित फोटो तथा कंपनी की कोटेशन के साथ कार्यालय में प्रस्तुत करनी होती है। जिन किसानों के पास कृषि विद्युत कनेक्शन हैं या सौर ऊर्जा पंप संयंत्र परियोजना के तहत अनुदान प्राप्त कर लिया है तो वह किसान इस योजना के तहत पात्र नहीं होगा। कृषक के पास तीन एचपी के लिए 0.4 हेक्टेयर, पांच एचपी के लिए 0.75 हेक्टेयर एवं 7.5 एचपी के लिए 1.0 हैक्टेयर भू-स्वामित्व होना जरूरी है।
सामान्य वर्ग की सूची लंबी
सोलर पंप सेट लगाने के लिए सामान्य वर्ग के किसानों की सूची बहुत लंबी है। श्रीगंगानगर जिले में सोलर पंप के लिए 5300 किसानों ने फाइलें लगा रखी है जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में उद्यान विभाग को 1556 का लक्ष्य आवंटित किया गया थ। मुश्किल से 31 अगस्त 2018 तक जमा हुई फाइलों के कृषकों को पंप सेट मिल पाएगा। शेष किसानों को सोलर पंप के लिए इंतजार करना होगा। जबकि एसी व एसटी वर्ग के लिए 350 सोलर पंप सेट लगाने का लक्ष्य आवंटित हुआ था।

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