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बच्चों में फैली अजीब संक्रमण् बीमारी, अ भिभावकों में खलबली

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 27, 2022 12:37:46 pm

Submitted by:

surender ojha

Strange infectious disease spread among children, panic among parents- सूरतगढ़ थर्मल और चक 4 सी छोटी में पिछले एक सप्ताह में कई बच्चे चपेट में

SriGanganagar बच्चों में फैली अजीब संक्रमण् बीमारी, अ​भिभावकों में खलबली

SriGanganagar बच्चों में फैली अजीब संक्रमण् बीमारी, अ​भिभावकों में खलबली

श्रीगंगानगर। इलाके में बच्चों के हाथ-पांव और मुंह में संक्रमण फैलाने वाला रोग का प्रकोप बढने लगा है। सूरतगढ़ थर्मल और चक 4 ई छोटी सहित कई एरिया में करीब तीन माह से लेकर पांच साल तक आयु वर्ग के बच्चों यह संक्रमण रोग तेजी से फैलने से बच्चों और उनके परिजनों में खलबली मच गई है। इसका आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता करने के लिए निर्देश भी दिए है लेकिन दूर दराज गांवों तक तक यह जानकारी नहीं पहुंच रही। इस नई बीमारी से पीड़ित प्रतिदिन औसतन 17-25 बच्चे सामने आ रहे हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि अभिभावक इस बीमारी को चिकन पॉक्स समझकर बच्चों को इलाज के लिए देरी से अस्पताल लेकर आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि कोक्सेकी और एंटेरो वायरस जनित हैंड, फुट एंड माउथ रोग से ग्रसित बच्चें के हाथ, पांव और मुंह में छाले (फफोले) या दाने पड़ जाते हैं। अभिभावक इन फफोलों को चिकन पॉक्स मान बैठते हैं। दर्द इतना असहनीय होता है कि बच्चे न मां का दूध पी पाते हैं, नहीं कुछ खा पाते हैं।
इधर, सीएमएचओ डा. गिरधारीलाल मेहरड़ा ने बताया कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चों के परिजनों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बाल चिकित्सालय में इसकी निशुल्क दवाएं-उपचार उपलब्ध है। छालों के दर्द की वजह से बच्चों को बुखार और जलन की शिकायत रहती है। ऐसे में बच्चों को बुखार की सीरप या गोलियां, जलन के लिए जैल दिया जाता है। इसके बाद 4-10 दिन के भीतर बच्चे स्वस्थ हो जाते हैं।
इधर, चिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ नहीं खेलने दें। बीमार बच्चे के कपड़े दूसरे स्वस्थ बच्चों को न पहनाएं, बीमार बच्चे के कपड़े अच्छे से धुले। बीमार बच्चों को स्वस्थ होने तक आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में नहीं भेजें, हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं, डाइपर बदलने, शौचालय के प्रयोग के बाद सफाई जरूरी है।
बार-बार छुई जाने वाली सतहों, मिट्टी लगी वस्तुओं या खिलौनों को स्वच्छ और जीवाणुमुक्त करें। डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी में तेज-हल्का बुखार, गले में दर्द से पीड़ा, हाथ, पैर या मुंह में फफोले या फुंसियां, होंठ सूखे और तड़के हुए के लक्षण प्रमुख हैं।
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