प्याऊ हड़पने के लिए फर्जी कागजों से बना डाला पट्टा
श्री गंगानगरPublished: Sep 10, 2023 11:02:37 pm
Strap made from fake papers to grab the stool- नगर परिषद स्टाफ मुकरा तो सभापति ने कराई एफआईआर


प्याऊ हड़पने के लिए फर्जी कागजों से बना डाला पट्टा
श्रीगंगानगर। पुरानी धानमंडी जवाहर मार्केट के बीचोंबीच प्याऊ को हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेजों से उसका पट़टा बनाने का मामला अब कोतवाली पुलिस ने दर्ज किया हैं। नगर परिषद सभापति करुणा चांडक के पास इस मामले की जानकारी तीन दिन पहले मिली तो अपने स्तर पर जांच कराई। लेकिन नगर परिषद का स्टाफ ऐसे पट़टे जारी नहीं होने के संबंध में अपना पल्ला झाड़ लिया। नगर परिषद के भूमि विक्रय शाखा के संबंधित अधिकारियों और कार्मिकों ने यहां तक बोल दिया कि उनके पास इस प्याऊ के नाम से भूखंड या मकान या दुकान के संबंधित कोई आवेदन नहीं आया हैं। एंट्री रजिस्ट्रर में इस कोई जिक्र नहीं मिला। लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों के नाम की मुहर आदि प्रक्रिया होने पर सभापति चांडक ने इसे गंभीरता से लिया और पुलिस अधीक्षक को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
चांडक के निजी सहायक महादेव इन्कलेव निवासी सोनू केसी पुत्र कृष्णा बहादुर हाल ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि पुरानी धानमंडी में प्याऊ को हड़पने के लिए चक 3 ई छोटी निवासी ओमप्रकाश पुत्र हरद्वारीलाल और अशोकनगर बी निवासी अजय पुत्र बाबूराम ने जवाहरनगर मार्केट में भूखंड संख्या 108 पर िस्थत सरकारी प्याऊ के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पट्टा जारी करवा लिया। इस मामले की जांच कोतवाल देवेन्द्र सिंह को सौँपी गई हैँ।
विदित रहे कि कुछ अर्से पहले नगर परिषद की भूमि विक्रय शाखा ने सत्यनारायण बड़ा मंदिर के सामने िस्थत पुरानी छोटी धानमंडी के गेट पर प्याऊ की भूमि को एक दुकानदार को खांचा भूमि बताकर बेच डाली थी। इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो तब हड़कंप मचा गया था। आनन फानन में नगर परिषद प्रशासन ने एफ आईआर दर्ज कराने की बजाय विभागीय जांच के नाम पर खानापूर्ति की थी। तब यह विभागीय जांच तत्कालीन राजस्व अधिकारी मिलखराज चुघ को दी गई थी। उन्होंने अपनी जांच में यह पाया था कि तत्कालीन आयुक्त प्रहलाद मीणा के नाम से फर्जी साइन कर प्याऊ भूमि को खांचा भूमि बताकर एक दुकानदार को आवंटित कर दी। यह मामला तब पकड़ में जब आयुक्त मीणा का तबादला चूरू हो गया था और उनके नाम के साइन इस पट़टे पर अंकित किए गए थे। अब यह मामला ठंडे बस्ते में हैँ।