scriptVideo : श्राद्ध के चलते संडे मार्केट ठंडा | sunday motor market | Patrika News

Video : श्राद्ध के चलते संडे मार्केट ठंडा

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 17, 2017 07:18:02 pm

Submitted by:

vikas meel

भारत-पाक अन्तरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक स्थित श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर बीस वर्ष से लगने वाला संडे मार्केट श्राद्ध पक्ष के चलते ठंडा पड़ा है।

sunday market

sunday market

श्रीगंगानगर.

भारत-पाक अन्तरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक स्थित श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर बीस वर्ष से लगने वाला संडे मार्केट श्राद्ध पक्ष के चलते ठंडा पड़ा है। प्रत्येक रविवार (संडे) को लगने वाला यह मार्केट अपने आप में अनूठा है। पुरानी बाइक-स्कूटर की बिक्री के लिए यह मार्केट लगता है। शहर में सूरतगढ़ रोड पर प्रत्येक रविवार को संचालित होने वाले इस मार्केट में इन दिनों होने वाली बिक्री महज 15-20 वाहन पर सिमट गई है। जबकि कभी एक ही दिन में यहां सैकड़ों वाहन बिकते थे। इस मार्केट का संचालन बाइक मरम्मत करने वाले दुकानदार और चालक मिलकर कर रहे हैं।

नोटबंदी के बाद से नहीं उबरा मार्केट
मार्केट संचालन करने वाले दुकानदार कहते हैं कि नोटबंदी के बाद से ही यह मार्केट उबरा नहीं है। कारण कि अब नकद खरीद-फरोख्त का काम कम हो रहा है। दूसरा वाहन निर्माता कंपनियां आसानी से फाइनेंस सुविधा मुहैया करवा रही है।
जगह बदलने से भी काम प्रभावित
मार्केट की जगह बदलने से भी काम प्रभावित हो रहा है। संडे मार्केट पांच साल पहले तक नेहरू पार्क के पास संचालित होता था। वहां स्कूल और कॉलेज संचालित होने के कारण प्रशासन ने इस अस्थायी मार्केट को सूरतगढ़ रोड पर शिफ्ट करवा दिया।
एेसे होती है वाहनों की खरीद-फरोख्त

पुरानी बाइक या स्कूटर बेचने के इच्छुक इस मार्केट में अपना वाहन ले आते हैं। वे संबंधित ब्रोकर से सम्पर्क करते हैं। वाहन मार्केट में लगाने की एवज में ब्रोकर टोकन मनी लेकर रसीद देता है। इसके बाद वाहन खरीदने के इच्छुक लोगों से सम्पर्क किया जाता है। सौदा होने पर दोनों तरफ से तय राशि लेकर वाहन खरीदार को सुपुर्द कर दिया जाता है।

संडे मार्केट में आठ काउंटर लगते हैं। कई बार तो नवरात्र में श्राद्ध से कम काम रह जाता है। कारण कि बड़ी-बड़ी कंपनियां मामूली राशि लेकर नई बाइक दे देती है। इससे टैंट आदि का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
सूरज सनेजा, ब्रोकर , संडे मार्केट, श्रीगंगानगर


ठप जैसा है काम

सप्ताह में छह दिन अपनी दुकान में काम करते हैं। कुछ मजदूरी बनने की आस में संडे मार्केट में स्टॉल लगा रहे हैं परन्तु अब काम ठप जैसा ही है। पांच साल पहले तक एक दिन में 20-25 गाडि़यों तक के सौदे हो जाते थे। अब दो-तीन पर सिमट गए हैं।
-गुरदीप बराड़, ब्रोकर , संडे मार्केट, श्रीगंगानगर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो